कोटद्वार-पौड़ी

टेनागाड़ से ऊपर छानियों में ग्रामीणों को हटाने का किया विरोध

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रुद्रप्रयाग। तहसील बसुकेदार के ग्राम भटवाड़ी, बढ़ैत, डगर आदि गांवों में टेनागाड के ऊपर घरेणा नाम तोक 14 ग्रामीणों को जंगली क्षेत्र में लगी छानियों से हटाया जा रहा है। उन्हें इस क्षेत्र में आने से मना कर दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले को लेकर जिलाधिकारी को भी पत्र दिए गए हैं किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन को दिए ज्ञापन में स्थानीय ग्रामीण रणजीत सिंह, जसपाल सिंह, जसवंत सिंह, जयवीर, शिशुपाल लाल, सामाजिक कार्यकर्ता मंगल सिंह, सूरज सिंह, प्रेमपाल सिंह आदि ने कहा कि सरकार द्वारा 6 महीने के लिए बरसात में 20 नाली जमीन पर छानी के माध्यम से ग्रामीणों को मवेशियों के लिए चारापत्ती और भैंस गाय और बैल बकरियों के पालन के लिए अनुमति दी गई थी। इस जमीन पर सभी पशुपालकों द्वारा भैंस, गाय, बैल, बकरियों का पालन पोषण किया जाता है। साथ ही क्षेत्र की बहु-बेटियां घास काटकर मवेशियों को खिलाती हैं। किंतु वर्तमान में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा समय से पहले ही डरा धमका कर जबरदस्ती सभी लोगों को हटाया जा रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए एक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को भी दिया गया किंतु इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि बीते कई सालों से उनके पूर्वजों के समय से मरडे, छानिया ग्रामीणों के पास रही हैं किंतु वर्तमान में वन विभाग द्वारा उन्हें जबरदस्ती हटाया जा रहा है। कहा कि प्रशासन और वन विभाग ग्रामीणों को न्याय दे। कहा कि यदि सरकार द्वारा 6 महीने के लिए अनुमति दी गई है तो, वर्तमान में अभी 6 महीने पूरे नहीं हुए हैं और समय से पहले उन्हें क्यों हटाया जा रहा है। कहा कि ऐसे में वह अपने मवेशियों को कहां लेकर जाएं। उन्होंने शीघ्र समाधान की मांग की है।

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