पहलवानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई से विपक्ष खफा, कांग्रेस-टीएमसी समेत इन दलों ने सरकार को घेरा
नई दिल्ली , एजेंसी। नई दिल्ली में प्रदर्शन पर बैठे पहलवानों को हिरासत में लिए जाने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राज्याभिषेक खत्म होने के बाद अहंकारी राजा जनता की आवाज को कुचल रहा है। वहीं प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि वह हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाज को बेरहमी से कुचल रहा है।
संसद की नई बिल्डिंग के सामने पुलिस और धरना दे रहे पहलवानों के बीच रविवार को झड़प हो गई। पहलवान बैरिकेड्स लांघकर नई संसद की तरफ जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोका और बजरंग पूनिया, विनेश-संगीता फोगाट, साक्षी मलिक सहित अन्य खिलाड़ियों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने धरना स्थल जंतर-मंतर पर लगे टेंट, कुर्सियां और दूसरा सामान हटाकर शाम 4 बजे उसे पूरी तरह खाली कर दिया। विनेश और संगीता फोगाट को दिल्ली के कालकाजी थाने ले जाया गया।
कांग्रेस नेता राहुल ने नए संसद भवन का हवाला देते हुए ट्वीट किया। राहुल गांधी ने पहलवानों को हिरासत में लिए जाने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि राज्याभिषेक खत्म, अहंकारी राजा सड़कों पर जनता की आवाज को कुचल रहे हैं। इसी कड़ी में प्रियंका ने कहा कि खिलाड़ियों की छाती का पदक हमारे देश का गौरव है। खिलाड़ियों की मेहनत और उनके पदकों से देश का विश्व में सम्मान बढ़ता है। पूरा देश सरकार के अन्याय और उनके अहंकार को देख रहा है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नए संसद का उद्घाटन कर रहे थे, लोकतंत्र पर प्रवचन दे रहे थे। उस वक्त देश का नाम रोशन करने वाली बेटियों को हिरासत में रखा जा रहा था। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार विरोध मुक्त लोकतंत्र की शुरुआत का जश्न मना रही थी।
पहलवानों को हिरासत में लिए जाने का टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने भी विरोध किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से साक्षी मलिक और विनेश फोगाट जैसे तमाम खिलाड़ियों के साथ मारपीट की। मैं उसकी कड़ी निंदा करती हूं। हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसी हरकतें करना शर्मनाक है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) ने इसे शर्म की बात करार दिया। पार्टी ने विरोध करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न से लड़ने के लिए पहलवानों को हिरासत में लिया गया। पदक विजेताओं को बसों से बांध दिया गया। शर्म की बात है कि आरोपी व्यक्ति संसद भवन में बैठेगा।