कांग्रेस से विपक्ष मांग रहा 350 सीटों की कुर्बानी, सिर्फ छत्तीसगढ़ और राजस्थान से नहीं मिलेगी दिल्ली की कुर्सी

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नई दिल्ली ,एजेंसी। अधिवेशन में कांग्रेस ने कहा है कि विपक्षी एकता के लिए वह कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है। क्षेत्रीय दल भी कांग्रेस से ऐसी ही अपेक्षा रखते हैं, लेकिन प्रश्न है कि कई राज्यों की ड्राइविंग सीट पर बैठे क्षेत्रीय दल कांग्रेस से किस हद तक और कितनी कुर्बानी की मांग कर सकते हैं।
राजद का मानना है कि कांग्रेस को देशभर में सिर्फ दो सौ सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए और जिन राज्यों में क्षेत्रीय दल मजबूत स्थिति में हैं, वहां की कमान उन्हें ही सौंप दी जाए। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने यह फार्मूला कांग्रेस के सामने पहले ही रख दिया था। कांग्रेस की कुर्बानी वाले बयान पर जदयू को भरोसा नहीं।
जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी उसकी मंशा पर ही सवाल उठाते हैं। तेजस्वी की बातों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि छोटे दिल से बड़ा काम नहीं होता है। अगर वह बड़ा भाई बने रहना चाहती है तो क्षेत्रीय दलों को सम्मान देना ही होगा। हालांकि, कांग्रेस ने कभी क्षेत्रीय दलों से बात नहीं की। एकता की पहल नहीं की।
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने कांग्रेस को आत्ममंथन करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बल पर ही कांग्रेस की दिल्ली की कुर्सी नहीं मिल जाएगी। उसे केरल और बंगाल पर भी मंथन करना चाहिए कि

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