जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : विधायकों की पेंशन बढ़ाने को लेकर कर्मचारियों में खासी नाराजगी है। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने विधायकों की पेंशन में विगत वर्षों में लगातार कई बार बढ़ोत्तरी होने पर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि कर्मचारी विगत कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्षरत हैं और उनकी मांगों पर सरकार चुप्पी साधे हुए है। खुद को सेवक कहने वाले माननीयों को पुरानी पेंशन दी जा रही है। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने कहा कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग पर सरकार द्वारा आर्थिक बोझ बताया जाता है, जब अपनी पेंशन या वेतन बढ़ाने की बात हो तो तब सरकारी खजाना खोल दिया जाता है। सरकार का यह कर्मचारियों के प्रति सौतेला व्यवहार अत्यंत दु:खद है। प्रदेश महासचिव सीता राम पोखरियाल ने कहा कि एक दिन का विधायक भी पेंशन का हकदार हो जाता है और अपने जीवन के 60 वर्ष तक सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारियों को पेंशन देने में सरकार आर्थिक बोझ का रोना रोती है, अब शिक्षक, अधिकारी कर्मचारी चुप बैठने वाला नहीं है, विधायकों की पेंशन बढ़ोत्तरी को मुद्दा बनाकर अब संघर्ष और तेज किया जाएगा।