लंबित विवेचनाओं को निपटाने का आदेश
देहरादून। कोरोना संक्रमण से निपटने के बाद अब पुलिस के सामने लंबित विवेचनाओं को निपटाने की चुनौती है। असल में प्रदेश के थानों में एक से तीन साल पुराने 527 मामलों की विवेचना लंबित हैं। इस हीलाहवाली पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने 31 जुलाई तक हर हाल में इन विवेचना को निपटाने का आदेश दिया है। विवेचना में पुलिस की हीलाहवाली का आलम यह है कि इनमें से 46 विवेचना तीन साल से भी पहले की हैं। ऊधमसिंह नगर में 17, देहरादून में 16, हरिद्वार में सात, अल्मोड़ा में दो व साइबर थाने में ऐसी चार विवेचना लंबित हैं।
विवेचना में चार जिले सबसे सुस्त: विवेचना निपटाने में सबसे सुस्त देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर की पुलिस है। सबसे ज्यादा 194 विवेचना ऊधमसिंह नगर में लंबित हैं। इसके बाद हरिद्वार का स्थान है। दूसरी तरफ, रुद्रप्रयाग जैसा जिला भी हैं, जहां बीते वर्षों की एक भी विवेचना लंबित नहीं। वहीं, पौड़ी और चंपावत में एक-एक लंबित विवेचना है।
यह है हाल
जिला-लंबित विवेचना
पौड़ी-01
चंपावत-01
उत्तरकाशी-03
अल्मोड़ा-04
बागेश्वर-04
पिथौरागढ़-06
चमोली-07
टिहरी-08
नैनीताल-25
देहरादून-87
हरिद्वार-160
यूएसनगर-194
निदेशक एम्स ने मुख्यमंत्री को संस्थान में कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर जरूरी तैयारियों से अवगत कराया। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि आइजी कुमाऊं और डीआइजी गढ़वाल परिक्षेत्र को निर्देशित किया गया है कि लंबित विवेचनाओं के निपटान के लिए अभियान चलाया जाए। अगस्त के प्रथम सप्ताह में जिला स्तर पर अधिकारी अभियान की समीक्षा कर आख्या पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे।