उत्तराखंड

आर्य समाज स्थापना दिवस व विक्रम नवसंवत्सर का आयोजन

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हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के संस्त विभाग के सभागार में आर्य समाज स्थापना दिवस व विक्रम नवसंवत्सर 2080 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सोमदेव शतांशु ने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने समाज की कुरीतियों को दूर करने व समाज में बेहतर सामंजस्य स्थापित करने व नारी शिक्षा के क्षेत्र में नारियों को सुअवसर दिलाने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज की स्थापना के पीटे उनका मूल उद्देश्य लोगों को वेदों में समाहित ज्ञान से परिचय कराना था, जिससे कि समाज की कुरीतियों को दूर कर सभी को समान अवसर उपलब्ध हो सके। स्वामी दयानन्द का मूल ध्येय वेदों की ओर लौटो था। उनका मानना था वेदों के अन्दर समाहित ज्ञान का अध्ययन कर सभी स्त्री व पुरूषों को समाज में उन्नति के उचित अवसर उपलब्ध हो सकते है। उनके बताए मार्ग व सिद्घान्तों को उनके अनुयायी स्वामी श्रद्घानन्द ने आगे बढ़ाने का काम किया जिसके चलते उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना की। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय आज भी स्वामी दयानन्द सरस्वती व स्वामी श्रद्घानन्द महाराज के बताए मार्ग पर चल रहा है।
इस अवसर पर प्रो0 संगीता विद्यालंकार, प्रो0 सुचित्रा मलिक, प्रो0 श्रवण कुमार शर्मा, प्रो0 अम्बुज कुमार शर्मा, प्रो0 मनुदेव बन्धु, प्रो0 रामप्रकाश वर्णी प्रो ब्रह्मदेव, प्रो0 कर्मजीत भाटिया, प्रो0 सुनील पंवार, डा0 बबलू आर्य, प्रकाश तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रो0 एल0पी0 पुरोहित, प्रो0 सत्येन्द्र राजपूत, प्रो0 विवेक गुप्ता, प्रो0 देवेन्द्र कुमार गुप्ता, डा0 दीनदयाल, डा0 भारत वेदालंकार, प्रो0 नमिता जोशी, डा0 बिन्दु मलिक, प्रो0 नवनीत, डा0 अजेन्द्र, प्रो0 सुरेखा राणा, डा0 पूनम पैन्यूली, प्रो0 अंजली गोयल, रमेश चन्द, डा0 अजय मलिक, प्रमोद कुमार, कुलदीप, डा0 विपिन शर्मा, डा0 पवन कुमार, डा0 हिमांशु गुप्ता, डा0 हरेन्द्र सिंह, मनीष अग्रवाल, डा0 मनोज, संजय पारे, समीर, कुलभूषण शर्मा, अश्वनी, डा0 विनोद नौटियाल, हेमन्त सिंह नेगी, डा0 रोशन लाल, दीपक वर्मा, बिजेन्द्र सिंह सहित विभिन्न शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा0 मौहर सिंह मीणा ने किया।

 

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