पीएफआई को धन जुटाने में खाड़ी देशों से संगठित ढांचा बनाया, ईडी ने कोर्ट में दी जानकारी

Spread the love

नई दिल्ली, एजेंसी। पपुलर फ्रंट अफ इंडिया (पीएफआई) को हाल ही में कथित तौर पर आतंकवादी संपर्क और सांप्रदायिक घृणा फैलाने के आरोप में सरकार ने प्रतिबंधित किया है। उधर, सोमवार को एक स्थानीय अदालत में पीएफआई के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ दायर ईडी के आरोप पत्र आपर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। इसके बाद ईडी ने बताया है कि प्रतिबंधित संगठन को फंड का जुगाड़ करने में खाड़ी देशों से मदद मिल रही थी।
इस मामले में संघीय जांच एजेंसी ने पटियाला हाउस में मनी लन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष रोकथाम अदालत के समक्ष पिछले सप्ताह अभियोजन शिकायत या चार्जशीट दायर की थी।
मनी लन्ड्रिंग के आरोपों को पुख्ता करने और परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत के खिलाफ मुकदमा शुरू करने के लिए डोजियर 19 नवंबर को दायर किया गया था। आरोपितों की गिरफ्तारी बीते 22 सितंबर को पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और विभिन्न राज्य पुलिस इकाइयों के राष्ट्रव्यापी छापे के बाद हुई थी। इस दौरान पीएफआई को पसंद करने वाले 100 से अधिक लोगों को इन एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था और इसके अलावे कई अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था। फिलहाल तीनों आरोपित तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
उक्त कार्रवाई के एक हफ्ते बाद केंद्र ने सख्त आतंकवाद विरोधी कानून व गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। इस्लामिक संगठन पर पीएफआई पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी समूहों के साथ संबंध रखने और देश में साम्प्रदायिक सौहाद्र बिगाड़ने की कोशिश करने के आरोप लगे।
पीएचआई की संबद्घ संस्थाओं- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, र्केपस फ्रंट अफ इंडिया, अल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडरेशन अफ ह्यूमन राइट्स अर्गनाइजेशन, नेशनल वीमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पवर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल – को भी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में रखा गया था। ईडी ने एक बयान में कहा कि अहमद पीएफआई की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष था और वह संगठन की धन उगाहने वाली गतिविधियों की निगरानी करने के साथ-साथ जनसंपर्क का प्रबंधन भी करता था। वहीं मोहम्मद इलियास दिल्ली पीएफआई का महासचिव था। वह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पीएफआई और संबंधित संगठनों के लिए धन जुटाने में सक्रिय था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *