सरकारी केंद्रों में बच्चों के टीके में ओटीपी की बाधा

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हल्द्वानी। इंटरनेट कनेक्टिविटी के चलते कुमाऊं में बच्चों का टीकाकरण मुश्किल हो रहा है। वजह सरकारी टीकाकरण केंद्र में टीका लगाने के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की जरूरत पड़ रही है और कनेक्टिविटी की दिक्कत से ओटीपी मिलने में समस्या आ रही है। हालत यह है कि बच्चों को टीकाकरण को लेकर आ रहे परिजनों का नर्सिंग स्टाफ से विवाद तक हो रहा है। परिजन जब बच्चों को टीका लगाने के लिए सरकारी टीकाकरण केंद्र में पहुंच रहे हैं, तो उनका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहा है। रजिस्ट्रेशन के दौरान उनका मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन में जिस नंबर को पंजीकृत किया गया है उसमें ओटीपी आता है। यह ओटीपी नर्सिंग स्टाफ को बताना होता है। इसके बाद भी टीकाकरण किया जाता है। दूरदराज के क्षेत्र ओखलकांडा, बेतालघाट, धारी, रामगढ़, कोटाबाग आदि के अलावा मैदानी क्षेत्रों में सरकारी टीकाकरण केंद्रों में नेटवर्क की दिक्कत के चलते ओटीपी मिलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में टीकाकरण कार्य प्रभावित हो रहा है।
इंतजार के चलते हो रहा विवाद
अभी तक परिजन टीकाकरण के लिए बच्चे को उसका टीकाकरण कार्ड लेकर जाते थे। कार्ड नर्सिंग स्टाफ को देते थे, जो टीका लगाकर कार्ड में दर्ज कर देता था। मौके पर ही टीके की अगली तारीख बता दी जाती थी। इस कार्य में ज्यादा समय नहीं लगता था। अब टीककरण के लिए ओटीपी जरूरी कर दिया है। ऐसे में कई बार घंटे भर तक इंतजार करना पड़ रहा है।
ओटीपी देने से कर रहे मना
महिलाओं से कई बार नर्सिंग स्टाफ ओटीपी मांगता है, तो वह देने से इनकार कर देती हैं। एक नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि जब ओटीपी मांगते हैं तो उनको लगता है कि उनके साथ कुछ हेराफेरी या ठगी हो सकती है। कई बार महिलाएं अपने पति का मोबाइल नंबर दर्ज कराती हैं, तो ओटीपी उनके नंबर पर आता है। पति की मौके पर गैरमौजूदगी से भी ओटीपी जुटाना चुनौती बन जाता है। कई बार पति भी ओटीपी बताने से इनकार कर देते हैं।
कोट …
ओटीपी के चलते टीकाकरण में दिक्कतों की शिकायतें मिली हैं। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी है, ताकि जल्द समस्या का हल निकाला जा सके।
-डॉ. अजय शर्मा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, नैनीताल

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