उत्तराखंड

जैविक षि उत्पादों के विपणन में लिए मंडल में आउटलेट खुला

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चमोली। वनों को बचाने के लिए किए गए चिपको आंदोलन की विचार भूमि मंडल घाटी अब जैविक षि आउटलेट के नाम से भी जानी जायेगी। जिला अधिकारी हिमांशु खुराना ने इसका उद्घाटन किया। परम्परागत षि विकास योजना के अन्तर्गत जैविक उत्पादों के विपणन के लिए षि विभाग द्वारा मंडल में जैविक षि आउटलेट बनाकर जय मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इसका संचालन शुरू किया गया है। इस आउटलेट में स्थानीय दालें, चावल, मंडुवा, सोयाबीन, मसाले, फरण आदि जैविक उत्पादों का विपणन शुरू हो गया है। जिलाधिकारी ने आउटलेट का शुभांरभ करते हुए सबसे पहले स्वयं ही यहां से खरीददारी की।मंडल क्षेत्र में मनरेगा के अन्तर्गत निर्मित मत्स्य तालाबों का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने नए तालाबों का निर्माण कराते हुए अधिक से अधिक काश्तकारों को मत्स्य पालन से जोड़ने और पूरे मंडल वैली को एक ट्राउट प्रजनन केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मछली पालन के लिए फीड सप्लाई हेतु स्थानीय स्तर व्यवस्था की जाए। ताकि काश्तकारों को आसानी से मत्स्य फीड उपलब्ध हो और मछली पालन से जुड़े किसानों को अधिक फायदा मिल सके। मंडल घाटी में बने जड़ी बूटी शोध संस्थान के बाई प्रोडेक्ट तैयार करने के लिए जड़ी बूटी विक्रय करने तथा पर्यटकों को यहां पर उत्पादन की जा रही जड़ी बूटियों की जानकारी देने की आवश्यकता जिला अधिकारी ने बताई। निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी डा़ललित नारायण मिश्र, परियोजना निदेशक आनंद सिंह, जिला विकास अधिकारी सुमन राणा, मुख्य षि अधिकारी वीपी मौर्य, ईई जल संस्थान आरके निर्वाल, जडी बूटी शोध संस्थान के वैज्ञानिक डा़सीपी कुनियाल, डा़कएके भण्डारी आदि मौजूद थे।

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