यात्रा रूट पर खुलेंगी चौकी व टूरिस्ट बूथ
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी: चारधाम यात्रा के लिए पुलिस महकमा अस्थाई चौकियां और टूरिस्ट पुलिस बूथ बनाएगा। टूरिस्ट पुलिस बूथों के जरिए यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की भी फीडबैक ली जाएगी। चारधाम यात्रा को लेकर सौ से अधिक पुलिस कार्मिकों का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। सभी कार्मिकों को यात्रा ड्यूटी के लिए संबंधित जिलों को भेजा गया है।
चारधाम यात्रा रूटों पर संभावित दुर्घटना स्थलों का चिह्निकरण कर लिया गया है। इन रूटों पर करीब दो सौ ऐसे स्थल मिले हैं। डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगनियाल ने बताया है कि इन स्थलों पर लोनिवि की मदद से साइन बोर्ड समय से चस्पा होंगे। चारधाम यात्रा को लेकर पुलिस यात्रा रूटों पर अपनी 67 अस्थाई चौकियां बना रही है, जबकि यात्रा में भीड़ आदि को देखते हुए 55 टूरिस्ट पुलिस बूथ भी संचालित होंगे। इन बूथ पर पुलिस उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करेगी। ताकि श्रद्धालुओं को यदि कोई दिक्कत हो तो उसे दूर किया जा सके। साथ ही श्रद्धालु यदि देना चाहे तो फीडबैक भी लिया जाएगा। ताकि यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर कोई सुझाव आए तो उस पर अमल किया जा सके। इसके साथ ही चारधाम में क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं को लेकर भी मैप बनाया गया है। इसे पुलिस अन्य सहयोगी महकमों के जरिए कंट्रोल करेगी। ताकि अनावश्यक भीड़ भाड से बचा जा सके। डीआईजी के मुताबिक नदियों के किनारे जहां डूबने आदि का खतरा बना रहता है, वहां जलपुलिस की टुकड़ी तैनात की जा रही है। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस यात्रा रूटों पर कमान संभालेगी। जहां तक प्रदेश में बाहर से आने वाले वाहनों की चेकिंग का सवाल है तो कोशिश होगी ये काम प्रदेश के प्रवेश चौकियों पर ही पूरा कर लिया जाए। ताकि जगह-जगह श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करने पड़े।
एक माह बाद हुई महिला के शव की शिनाख्त
13 मार्च को श्रीनगर बेस अस्पताल में उपचार के दौरान हुई थी महिला की मौत
ऑपरेशन शिनाख्त अभियान के तहत जनपद पुलिस द्वारा एक अज्ञात महिला शव की शिनाख्त करवा ली है। महिला की मौत उपचार के दौरान हो गई थी। शिनाख्त नहीं हो पाने के चलते उसके शव को मॉर्चरी में रखा गया था।
मामला बीते मार्च माह का है। एसएसपी यशवंत चौहान के निर्देशों पर जिले में संचालित ऑपरेशन शिनाख्त टीम तथा एंटी हयूमन ट्रेफिकिंग यूनिट की प्रभारी सुमनलता के द्वारा बीते 13 मार्च को श्रीनगर बेस अस्पताल में मंजू देवी पत्नी रंगराजन का लावारिश पंचनामा कर शव को मूर्तिव किया गया था। एंटी हयूमन ट्रेफिकिंग यूनिट की प्रभारी सुमनलता ने बताया कि महिला को बेस अस्पताल में पौड़ी के पैंडुल गांव निवासी वीरबहादुर थापा उर्फ वीरेंद्र बिष्ट पुत्र चंद्रबहादुर ने भर्ती कराया था। जिस पर टीम ने वीरबहादुर थापा से महिला के संबंध में जानकारी जुटाई गई। थापा ने बताया कि वह कोयंबटूर, आंध्रप्रदेश में कृष्णा पुत्र महादेव, आरएस पुरम, मकान नम्ब 1001 में वह बतौर गार्ड की नौकरी करता था। साथ ही मृतक मंजू देवी भी इसी जगह पर लेबर का काम करती थी। थापा ने पुलिस को बताया कि मृतक उसके साथ कोयंबटूर से हरिद्वार यात्रा पर आयी थी। अचानक उसकी तबियत खराब हो गयी। जिस पर उसने मृतक को हास्पिटल में भर्ती करा दिया गया। काफी दिनों तक देखभाल करने के उपरांत वह अपने गांव लौट आया। बताया कि करीब एक माह बाद जब वह अस्पताल पहुंचा तो पता चला कि मंजू देवी की मौत हो चुकी है। वहीं पुलिस से संपर्क करने के बाद मृतक मंजू देवी की शिनाख्त कर ली गई है। टीम में एसआई प्रदीप कुमार व कृपाल सिंह, आरक्षी मुकेश कुमार, मनोज कुमार व सुरजीत शामिल रहे। एसएसपी यशवंत चौहान ने ऑपरेशन शिनाख्त टीम के प्रयासों को सराहनीय बताया।