जनजाति सम्मेलन देहरादून में करने से सीमांत के लोगों में आक्रोश
पिथौरागढ़। मुनस्यारी में प्रस्तावित जनजाति सम्मेलन को अब देहरादून में आयोजित किए जाने से सीमांत में आक्रोश है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि मुनस्यारी में दो साल पहले से राष्ट्रीय स्तर का जनजाति सम्मेलन की तैयारी की जा रही थी। सम्मेलन के लिए यहां कई बार बैठक हुई। उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजन को लेकर कमेटियो का गठन भी किया गया था। कहा कोविड 19 के कारण सम्मेलन आयोजित नहीं हो पा रहा था। इस सम्मेलन में देश भर से जनजातियो के प्रतिनिधियों को आना था। सीमांत के विकास एवं उत्तराखंड की जनजातियो के सांस्तिक विरासत से देशभर की जनजातियां रुबरु होते। चीन सीमा पर होने वाले इस सम्मेलन से राज्य के इस दुर्गम हिस्से को नयी पहचान मिलती।कहा क्षेत्र की जनजाति कोविड 19 के नियमो के ढ़ील का इंतजार कर रही थी। कहा प्रदेश सरकार में हावी नौकरशाही की भेंट यह सम्मेलन चढ़ गया है। नौकरशाही ने सम्मेलन को राष्ट्रीय से राज्य स्तरीय बना दिया। कहा नाराज जनजाति समुदाय के जन प्रतिनिधी इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाएंगे। उधर ग्राम प्रधान मनोज मर्तोलिया, ष्णा पंचपाल, ललिता मर्तोलिया, सावित्री पांगती, गोकरण पांगती, लक्ष्मी रिलकोटिया, पंकज बृजवाल, हरेन्द्र बर्निया, महेश रावत सहित दो दर्जन पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि इस तरह के निर्णय का विरोध किया जाएगा।