देहरादून। पंचायत चुनाव में दुर्गम मतदान स्थलों पर पहली बार शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाने से शिक्षक संगठनों में रोष है। उनका कहना है कि चार दिन तक ये शिक्षिकाएं शिक्षकों के साथ कैसे रहेंगी। साथ ही कई जगह उन्हें दसे से बारह किमी पैदल चलना हो। जो शिक्षिकाओं के लिए काफी मुश्किल होगा। इस बात को लेकर बुधवार को ट्रेनिंग के दौरान भी हंगामा हुआ। प्राथमिक शिक्षक संगठन ने इसका विरोध करते हुए दस किमी से दूर लगी महिला शिक्षकों की ड्यूटी हटाने की मांग की है। संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रावत ने बताया कि चकराता की 52 के लगभग पार्टी 22 जुलाई 25 को आशा राम वैदिक इंटर से प्रस्थान करेगी। इन पार्टियों में महिला कार्मिक की भी अनिवार्य ड्यूटी है। चकराता में चुनाव 24 जुलाई 25 को होना है ऐसे ही कुछ पोलिंग पार्टी 23 को प्रस्थान करेंगी।अतः ये सभी निर्वाचन कराने वाली पोलिंग पार्टियां 25 जुलाई को ही वापस हो पाएंगी। इनको मत पेटी भी किसी अन्य जगह चकराता से 10 से 12 किमी के लगभग किसी अन्य नवीन स्थान पर जमा करनी है। क्योंकि अधिकतर दुर्गम स्थित पोलिंग पार्टी पैदल चल कर मध्य रात्रि में ही पहुंचेगी। ऐसे में सभी निर्वाचन कर्मियों के निजी वाहन विकासनगर स्थित आशा राम वैदिक इंटर कॉलेज या देहरादून में होने के कारण, इन सभी को मध्य रात्रि में विकासनगर या देहरादून भेजने का चकराता से कोई यातायात का साधन न होने से मतदान कर्मियों में रोष है। उनका कहना है कि वो लोग पेटी जमा करने के उपरान्त चकराता से विकासनगर से देहरादून जहाँ उनके निजी वाहन है वहां तक पहुंचेंगे कैसे? इसका पुख्ता इंतजाम जिला निर्वाचन अधिकारी से करवाने की मांग कर रहे हैं। वहीं जो पार्टी 22 जुलाई को ही चकराता के विभिन्न पोलिंग स्टेशन हेतु प्रस्थान करेंगी उनमें महिला कार्मिक भी बहुत अधिक संख्या में हैं। कुछ नहीं तो कम से कम यह तो ध्यान ही रखा जाना चाहिए कि किसी भी महिला कार्मिक को उनके कार्यस्थल से 10 किमी की परधि से बाहर न भेजा जाए और न ही किसी भी महिला कार्मिक को पोलिंग पार्टी के साथ रहने को कहा जाए। साथ ही पांच बजे के बाद उन सभी महिला कार्मिकों को उनके गृह स्थान पर सुकुशल पहुंचाने की व्यवस्था भी निर्वाचन आयोग को समय से करने की मांग महिला शिक्षकों ने की है। महिला शिक्षकों ने इस बात पर भी रोष जताया है कि उनको उनके कार्यक्षेत्र के आप पास ही ड्यूटी देने के निर्देश के बाद भी अन्य ब्लॉक जैसे कि कालसी में कार्यरत महिला कार्मिक को अति दुर्गम चकराता पोलिंग स्टेशन में भेजना ठीक नहीं है। यह कि चकराता कालसी में अनेक पोलिंग स्टेशन तक पहुंचने का रास्ता पैदल का है या जो मोटर मार्ग है भी वो भी भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हैं। ऐसे में वहां पहुंचना भी पैदल संभव होगा। ऐसे में विकासनगर या अन्य ब्लॉक की महिला कार्मिकों को भी चकराता भेजना ठीक नहीं है। ये भी सवाल उठाया कि महिला कार्मिक 22 जुलाई से 25 जुलाई तक कुल चार दिन कैसे किसी अनजान जगह पर चार अन्य पुरुष सहकर्मी के साथ ठहराया जा सकता है। वो भी तब जब वे उन पुरुष कार्मिक के साथ पहली बार निर्वाचन की ड्यूटी कर रही होगी। धर्मेंद्र रावत ने मांग की कि महिला कार्मिकों को पोलिंग पार्टी की ड्यूटी से मुक्त रखा जाना चाहिए, वो भी तब जब अनेक विभागों के पुरुष कार्मिक अभी भी निर्वाचन ड्यूटी नहीं लगायी गयी है। पति पत्नी में से दोनों कार्मिक की भी ड्यूटी अभी भी लगी हुई हैं अतः कम से कम पति पत्नी कार्मिक में से पत्नी कार्मिक को निर्वाचन ड्यूटी से छूट मिलनी चाहिए, जो कि कुछ प्रकरणों में अभी तक लागू नहीं किया गया है।