जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिप्ट को-आपरेटिब सोसाइटी (एलयूसीसी) में जमा धनराशि वापस नहीं मिलने पर निवेशकों ने रोष व्यक्त किया है। कहा कि निवेशकों की धनराशि वापस मिले इसके लिए गंभीरता से कार्य किया जाना चाहिए।
गुरुवार को उत्तराखंड जन विकास मंच के बैनर तले निवेशक तहसील परिसर में पहुंचे। यहां उन्होंने धरना दिया। उत्तराखंड जन विकास मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि एलयूसीसी वर्ष 2012 तक भारत सरकार कृषि मंत्रालय में पंजीकृत थी, जो कि वर्तमान में सहकारिता मंत्रालय में पंजीकृत है। सोसाइटी को छह जनवरी 2017 तक उत्तराखंड में संचालित करने की अनुमति भी प्राप्त थी। सोसाइटी ने उत्तराखंड में अपना विस्तार करना शुरू कर दिया। कंपनी ने कमीशन एजेंट व सुविधा केंद्र भी खुलवाए गए। सोसाइटी के संचालकों ने निवेशकों को सोसाइटी में धन जमा करवाने का लाचच दिया। निवेशकों ने फर्म की विभिन्न योजनाओं में निवेश किया। सुविधा केंद्रो को बाकायदा एटीएम की सुविधा भी प्रदान की गई। कोरोना काल में सोसाइटी की तरफ से नि:शुल्क एंबुलेंस भी चलवाई गई थी। बताया कि सोसाइटी के लिए पूरे राज्य में ढाई हजार महिलाएं व पुरूष कार्य कर रहे थे। कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड में दो लाख निवेशक है। लेकिन, 29 अक्टूबर 2024 को बिना पूर्व सूचना के ही सोसाइटी का पोर्टल बंद हो गया। नवंबर में सोसाइटी का मोबाईल व बेबसाइट भी बंद हो गई। उन्होंने सोसाइटी में निवेश किए गए धन को वापस करवाने की मांग की है। सोसाइटी के मुख्य संचालनकर्ता व बोर्ड आफ डायरेक्टर के खिलाफ अनियमित जमा योजना पाबंदी अधिनियम के तहत कार्यवाही करने की मांग की है। इस मौके पर कुलवंत सिंह, सुरेश सिंह, लक्ष्मण सिंह, वीरेंद्र सिंह, शोभा देवी, रेखा देवी, अनुज डबराल, कल्पना देवी, रजनी देवी सहित बड़ी संख्या में निवेशक मौजूद रहे।