ट्रेंचिंग ग्राउंड की सरकारी जमीन पर आउटसोर्स कर्मियों का भी कब्जा
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून। सहस्रधारा रोड स्थित नगर निगम के ट्रेंचिंग ग्राउंड की खाली जमीन पर निगम से अनुबंधित कंपनी के कर्मचारियों का भी अवैध कब्जा निकला। कंपनी के जरिये तैनात वाहन चालक पर नगर निगम की जमीन पर पक्का मकान खड़ा करने का आरोप है। इसके अलावा भी झुग्गी-झोपड़ी बनाकर जमीन कब्जाने वालों में तीन और कर्मचारी इसी कंपनी के बताए जा रहे हैं। हालांकि नगर निगम अवैध निर्माण बीते शनिवार को ध्वस्त कर चुका है।
सहस्रधारा रोड पर नगर निगम का पहले ट्रंचिंग ग्राउंड था। शीशमबाड़ा में कूड़ा निस्तारण प्लांट शुरू होने के बाद यह जमीन खाली पड़ी है। पिछले दिनों नगर निगम को यहां अवैध कब्जों को लेकर शिकायत मिली। स्थानीय लोगों ने यहां अवैध कब्जे करने का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया था। इसके बाद बीते शनिवार को नगर निगम की टीम ने जेसीबी लगाकर अतिक्रमण ध्वस्त किया था। नगर निगम के कर एवं भूमि अनुभाग ने जब जांच-पड़ताल की तो सामने आया कि अवैध कब्जा करने वालों में आउटसोर्स कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे। एक कर्मचारी ने तो यहां पक्का मकान तक खड़ा कर दिया था। इसे लेकर नगर निगम की ओर से संबंधित कंपनी को नोटिस भेजा जा रहा है। कंपनी को हिदायत दी गई है कि अवैध कब्जे करने वाले कर्मचारियों पर शिकंजा कसे। दरअसल, कर्मचारियों का अवैध कब्जा निकलने के बाद नगर निगम की भी बदनामी हो रही है। कर अनुभाग ने कंपनी को यह भी हिदायत दी है कि यदि जमीन कब्जाने के मामले में दोबारा कंपनी के कर्मचारियों का नाम सामने आया तो अनुबंध समाप्त करने की संस्तुति की जाएगी
नगर निगम से अनुबंधित कर्मचारी पूर्व में कूड़ा डंप करने के लिए यहां जाते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, जमीन खाली देखकर कब्जाने के इरादे से पहले कच्चा निर्माण किया गया। इसके बाद मौका पाकर पक्का निर्माण करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि एक मकान तो आगे दूसरे व्यक्ति को बेच दिया गया था। जमीन कब्जाने के मामले में निगम से अनुबंधित कंपनी के कर्मचारियों का नाम सामने आने से निगम की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
नगर निगम क्षेत्र में सफाई का कार्य कर रही कंपनी के एक कर्मचारी ने ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन पर पक्का मकान बना लिया था। कुछ और कर्मचारी झोपड़ी बनाकर यहां रह रहे थे। अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए गए हैं। संबंधित कंपनी को इस संबंध में नोटिस जारी किया जा रहा है।
-विनय प्रताप सिंह, कर एवं राजस्व अधीक्षक भूमि, नगर निगम