उत्तराखंड

मेडिकल कलेज में गरजे आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मी

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रुद्रपुर। कोविड-19 महामारी के दौरान आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए स्वास्थ्य कार्मिकों की सेवा समाप्ति से गुस्साए स्वास्थ्य कर्मियों ने मेडिकल कलेज पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान जिले भर की स्वास्थ्य कर्मियों ने पुनरू रोजगार देने की मांग उठाई। साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भाजपा विधायक को सौंपा। उन्होंने कहा कि जान जोखिम में डालकर लोगों की जिंद्गी बचाने के बाद कार्य समाप्ति का आदेश देकर सैकड़ों स्वास्थ्य कर्मियों को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है। आगाह किया कि यदि उनकी मांग पर गौर नहीं किया तो वे आंदोलन को बाध्य होंगी। शुक्रवार को मेडिकल कालेज में आंदोलित स्वास्थ्य कार्मिकों का कहना था कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से जिले भर में सैकड़ों स्वास्थ्य कार्मिकों की तैनाती की थी। जिस वक्त पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था। लोग अपनी जान बचाने के लिए घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। उस वक्त लकडाउन में अपने परिवार से दूर रहकर कोरोना मरीजों की सेवा की। जानजोखिम में डालकर दिन रात काम किया। आरोप था कि जैसे ही कोरोनाकाल समाप्त हुआ। अचानक सरकार ने सेवा समाप्ति का आदेश पारित कर दिया। जिसकी वजह से आउटसोर्सिंक स्वास्थ्य कार्मिक अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। धरना प्रदर्शन करने के बाद सभी स्वास्थ्य कर्मी भाजपा विधायक शिव अरोरा से मिले। जहां उन्होंने प्रदेश सरकार से सभी आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कार्मिकों से रोजगार नहीं छीनने, नियुक्ति अनुसार रिक्त पदों के सापेक्ष समान वेतन के साथ ही विभाग में समायोजित किए जाने और आउटसोर्सिंग जैसे नियमों को राज्य से बाहर किए जाने की मांग की। इस मौके पर रीता कौर, पूजा बरोई, पूजा यादव, अंजू मिश्रा, सुनीता गाईन, सुमन जोशी, आसमा बेगम, ज्योति टम्टा, कनिका चौहान, रामनिकास, आकाश मौर्य, अजय राठौर, संजय कुमार, दीपक शर्मा, राजेश गुप्ता, संजय कश्यप, आकाश कुमार, प्रियंका सिंह के अलावा खटीमा, सितारगंज से आए स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

 

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