पढ़िए: पौड़ी जिले में गुलदार ने छात्रा पर बोला हमला
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पोखड़ा ब्लॉक में गुलदार का आंतक कम नहीं हो रहा है। बीती शुक्रवार रात को ग्राम घंडियाल धार में गुलदार (तेंदुआ) ने 16 वर्षीय कक्षा 10वीं की छात्रा पर हमला कर घायल कर दिया। बालिका का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पोखड़ा में उपचार कराया गया। छात्रा अपनी बुवा के घर आयी हुई थी। गुलदार के क्षेत्र में सक्रिय होने से लोग दहशत में है। सांय होते ही लोगों में दुबकने को मजबूर है। ग्रामीणों ने वन विभाग से शीघ्र गुलदार से निजात दिलाने के लिए गांव में पिंजरा लगाने की मांग की है।
राजस्व उपनिरीक्षक कान्ता प्रसाद ने बताया कि बीती शुक्रवार रात को करीब साढ़े 9 बजे 16 वर्षीय अनामिका पुत्री जीत सिंह रावत सभी लोगों के साथ घर के बाहर आंगन में बैठी हुई थी। परिजन आंगन में रोटी बना रहे थे। इसी दौरान अचानक घात लगाकर बैठा गुलदार आंगन में घुस गया और अनामिका पर हमला कर दिया। परिवार वालों ने शोर मचाया और गुलदार के चंगुल से बालिका छूट गई, लेकिन गुलदार के हमले में वह घायल हो गई। गुलदार द्वारा बालिका के नाक व कान पर वार किया गया। जिससे उसके नाक और कान पर गुलदार के नाखुन के गहरे निशान हो गये। गनीमत रही कि वह सड़क की तरफ ना गिरकर आंगन की तरह गिरी। अगर वह सड़क की ओर गिरती तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। अनामिका को रात में उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पोखड़ा लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उपचार के बाद उसे घर भेज दिया। स्थानीय लोगों ने कहा कि क्षेत्र में मादा गुलदार दो बच्चों के साथ काफी दिनों से घूम रही है। जिसकी लिखित सूचना वन विभाग को पूर्व में ही दे गई थी। लेकिन वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वन विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हो गया। अगर सूचना मिलते ही उसको पिंजरे में पकड़ लिया जाता तो यह घटना नहीं घटती। उत्तराखंड में सबसे बड़ी समस्या यहीं है कि जब जानवर किसी इंसान को मार देता है या घायल कर देता है उसके बाद ही प्रशासन और वन विभाग जागता है। ग्रामीणों ने बताया कि गुलदार सीधे गांव में घुस रहा है। इससे लोगों को पशुओं और बच्चों की चिंता सताने लगी है। क्षेत्र में गुलदार की थमक से लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। यदि जल्द गुलदार को पकड़ा नहीं गया, तो कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है।