पदोन्नति मामले में जांच को लेकर शिक्षक नेताओं में उबाल
हरिद्वार। पदोन्नति मामले में जांच को लेकर हरिद्वार जिले के शिक्षक नेताओं में नाराजगी है। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा कि पदोन्नति सूची में गलतियां निकालकर हरिद्वार के शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाने और शिक्षा विभाग को बदनाम करने के लिए बाहरी व्यक्ति ने शिकायत की है। जबकि एक भी शिक्षक ने पदोन्नति सूची पर सवाल खड़ा नहीं किया है। यह राजनीति के तहत शिकायत की गई है। शिक्षक संघ ने शिकायत को तत्काल निरस्त कर पदोन्नत हुए शिक्षकों को अविलंब पदोन्नत पद का वेतनमान जारी करने और प्रतीक्षारत शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ दिलाने की मांग की है। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी मंगलवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय रोशनाबाद पहुंचे। यहां पदोन्नति की जांच करने पहुंचे जांच अधिकारी मंडलीय उप निदेशक (प्रा.शि.) गढ़वाल मंडल को ज्ञापन दिया। संघ के जिलाध्यक्ष अशोक चौहान ने कहा कि पदोन्नति सूची की जांच किसी प्रभावित शिक्षक की शिकायत पर नहीं बल्कि शिक्षा विभाग से बाहरी व्यक्ति द्वारा की गई। जिसे विभागीय नियमों, पदोन्नति प्रक्रिया की जानकारी तक नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीति के तहत की गई शिकायत है। पदोन्नति सूची एकतरफा नहीं बल्कि विभागीय समिति बनाकर की गई है। जिसमें डायट प्राचार्य अध्यक्ष, जिला शिक्षा अधिकारी सचिव और जनपद के सभी उपशिक्षा अधिकारी शामिल थे। संघ के जिला महामंत्री जितेंन्द्र चौधरी ने कहा कि सूची से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा दो बार अंतिम सूची सार्वजनिक कर शिक्षकों से वरिष्ठता पर आपत्ति और प्रत्यावेदनों का निस्तारण भी किया। उसके बाद सूची पर पदोन्नति की गई है। उन्होंने शिकायतकर्ता की शिकायत झूठी बताई है। कहा कि पदोन्नति में आरटीई की अवहेलना नहीं की गई है। न ही कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति की है। शिकायत के बाद पदोन्नत हुए शिक्षकों का पदोन्नत वेतनमान रोक दिया गया है। साथ ही प्रतीक्षारत सहायक शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी नहीं हो पा रही है। इससे शिक्षकों में भारी रोष है। ज्ञापन देने वालों में मनमोहन शर्मा, अरुण कुमार, राजेंद्र सैनी, राजीव शर्मा, आशीष कुमार आदि शामिल थे।