सियासी संग्राम में बदला पेगासस जासूसी विवाद, लगातार दूसरे दिन संसद के दोनों सदनों में किया जमकर हंगामा
नई दिल्ली, एजेंसी। पेगासस फोन जासूसी विवाद सियासी संग्राम में बदल गया है। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने नेताओं, जजों और पत्रकारों समेत प्रमुख हस्तियों के फोन टैप कराए जाने का आरोप लगाते हुए सरकार पर हमला बोला। विपक्ष इस मुददे पर संसद में तत्काल चर्चा कराने के साथ संयुक्त संसदीय समिति से जासूसी प्रकरण की जांच कराने की मांग कर रहा है। वहीं सरकार यह साफ कर चुकी है कि जासूसी कराने के दावे निराधार हैं।
सरकार और विपक्ष के बीच जासूसी प्रकरण पर छिड़े इस संग्राम के चलते लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन नहीं चल पायी और सदन के भीतर ही नहीं बाहर भी विपक्षी दलों ने आक्रामक विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को संसद की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस की अगुआई में तमाम विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में इजरायली साफ्टवेयर पेगासस के जरिये सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाया और इस पर तत्काल बहस कराने की मांग की। लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, सपा आदि के सदस्य पोस्टर-बैनर लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए। इन पोस्टर-बैनरों पर पेगासस के जरिये विपक्षी नेताओं से लेकर जजों के फोन की जासूसी किए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया था।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष की इस मामले पर चर्चा की मांग यह कहते हुए खारिज कर दी कि सरकार सोमवार को ही लोकसभा में जासूसी विवाद पर बयान दे चुकी है। विपक्ष के अधिकतर दलों ने जहां जासूसी मसले पर हंगामा किया वहीं अकाली दल के सदस्यों ने षि कानूनों के खिलाफ वेल में आकर नारेबाजी की।
विपक्षी हंगामे के बाद लोकसभा दो बजे तक स्थगित हुई और इसके बाद सदन को चलाने का दो प्रयास और हुआ। विपक्षी दलों का हंगामा थमता नहीं देख सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इस तरह लोकसभा में हंगामे की वजह से लगातार दूसरे दिन कामकाज नहीं हुआ। राज्यसभा में भी विपक्षी दलों ने जासूसी कांड में सरकार को घेरते हुए जबरदस्त शोर-शराबा किया और सदन दो बार ठप भी हुआ। लेकिन कोरोना महामारी पर बहस कराने के सरकार के दांव के चलते विपक्ष दोपहर डेढ़ बजे के बाद जासूसी प्रकरण के मामले को मुल्तवी कर सदन में चर्चा को तैयार हो गया।
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों खासकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के फोन की जासूसी कराए जाने को लेकर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही गृहमंत्री अमित शाह से जासूसी मामले में सफाई मांगी।
राहुल गांधी समेत प्रमुख हस्तियों के फोन की जासूसी से इन्कार करने के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के बयान पर कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सबसे गंभीर बात है कि सरकार यह साफ-साफ नहीं बता रही कि उसने पेगासस साफ्टवेयर खरीदा है या नहीं। सरकार की इस गोल-मोल की कोशिश से साफ है कि वह इस जासूसी के इस मामले पर पर्दा डालना चाहती है और विपक्ष इसीलिए जेपीसी जांच की मांग कर रहा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने भी जासूसी प्रकरण को लोकतंत्र के लिए बेहदोचताजनक करार देते हुए इसकी पड़ताल की पैरोकारी की।