पहाड़ के गांव बचाना सरकार व समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। हिमालयी धरोहर अध्ययन केन्द्र के निदेशक डॉ. पदमेश बुड़ाकोटी ने कहा कि हिमालय भारत की धरोहर है। बढ़ते पलायन ने हिमालयी समाज व संस्कृति के लिए संकट उत्पन्न किया है। पहाड़ के गांव बचाना सरकार व समाज की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
डॉ. बुड़ाकोटी ने बुधवार को हिमालय दिवस पर राष्ट्रीय स्तर के वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि लगातार वीरान होते गांव हिमालय की सबसे बड़ी समस्या है। जब तक पहाड़ की लोक संपदा नहीं बचेगी, तब तक यहां की संस्कृति, परंपरा एवं मूल्यों को बचाना कठिन होगा। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में खेतों की जोत बहुत छोटी हो गई है। इसलिए वहां तत्काल चकबंदी की जानी चाहिए। उन्होंने पहाड़ में रोजगार सृजन हेतु भूमि, प्रशिक्षण, पूंजी, श्रम व बाजार को आवश्यक कारक बताते हुए इस दिशा में पहल किए जाने की जरूरत बताई। डॉ. बुड़ाकोटी ने कहा कि पहाड़ में भोगवादी पर्यटन की बजाय साहसिक एवं धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा दिय जाना चाहिए। पहाड़ योग, आयुर्वेदी, ध्यान एवं अध्यात्म का केन्द्र बनें। इससे रोजगार के नये अवसर तो विकसित होगें ही और पलायन भी रूकेगा। जिससे हिमालय की खूबसूरती बढ़ेगी। उन्होंने पहाड़ में जल संरक्षण और स्वावलंबन पर भी ध्यान केन्द्रित किए जाने पर बल दिया। उत्तराचंल उत्थान परिषद द्वारा आयोजित वेबिनार का विषय हिमालय के संसाधन एवं रोजगार था। वेबिनार का संचालन राजेश्वर उनियाल (मुम्बई) ने किया।

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