जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भले ही घर-घर जल पहुंचाने के लाख दावे किए जा रहे हों। लेकिन, धरातल की स्थिति कुछ ओर ही बयां कर रही है। हालत यह है कि बीरोंखाल के ग्राम पंचायत कसाणी, भमराखोली व बडियार तोक के ग्रामीण पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों को पानी के लिए प्राकृतिक स्रोत के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
ग्राम सभाओं में करीब 80 परिवार रहते हैं। यह परिवार दो किमी. दूर प्राकृतिक स्रोत से सिर पर पानी ढोकर हलक तर कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जल निगम की ओर से गेहूंलाड गदेरे में जल जीवन मिशन के तहत बनाई जा रही पेयजल योजना का कार्य कछुआ गति से कराया जा रहा है। पिछले 25 दिनों से निर्माण कार्य ठप है। उन्होंने पेयजल लाइन को ठीक कराकर पेयजल की आपूर्ति सुचारु करने की मांग की है। ग्राम पंचायत कसाणी के समाज सेवी मनवर सिंह ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत के कसाणी गांव में 58 परिवार, भमराखोली तोक में 12 परिवार व तोक गांव बडियार में 10 परिवार निवास करते हैं। कहा कि इन गांवों में पेयजल की समस्या को देखते हुए अविभाजित यूपी के जमाने में 40 साल पहले थापला रोले में पेयजल योजना बनाई गई। इसके तहत गांव तक करीब 10 किमी. लंबी पेयजल लाइन बिछाई गई। कहा कि पेयजल योजना बनने के बाद ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल की आपूर्ति हो रही थी। वर्तमान में मरम्मत और देखरेख के अभाव में पाइप लाइन जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है। इससे ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है और उन्हें पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि ग्रामीण दो किमी. दूर प्राकृतिक स्रोत से सिर पर पानी ढोने को मजबूर हैं। कहा कि गांव में पेयजल समस्या को देखते हुए जल निगम की ओर से गेहूंलाड गदेरे से जल जीवन मिशन में पेयजल योजना का निर्माण भी कछुआ गति से चल रहा है। गत 25 दिनों से निर्माण कार्य ठप है। कहा कि गर्मी शुरू होने के साथ ही गांव में पेयजल की किल्लत शुरू हो गई है। उन्होंने जल निगम से पेयजल योजना का निर्माण जल्द पूरा करा पेयजल आपूर्ति सुचारु करने की मांग की है।