युवाओं को रास नहीं आ रही पंचायत की नौकरी, 46 ने छोड़ी, नए सिरे से नियुक्ति करने की प्रक्रिया शुरू
मुरादाबाद, एजेंसी। सवा साल पहले हर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक की नौकरी के लिए आवेदन मांगे तो युवाओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। एक पद के लिए ग्राम पंचायतों में सियासत गरमा गई थी। हर युवा चाहता था कि मैं किसी तरह इस पद पर नियुक्त हो जाऊं। इसके लिए तमाम जतन भी किए गए लेकिन, छह हजार रुपये प्रतिमाह की यह नौकरी युवाओं को अधिक समय तक रास नहीं आई।
जिले में 46 पंचायत सहायकों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। नौकरी छोड़ने वालों में किसी को अफसर बनने का सपना है। किसी ने चिकित्सक बनने के लिए पंचायत सहायक के पद से त्यागपत्र दिया है। लेखपाल की नौकरी लगने पर भी कई युवकों ने नौकरी छोड़ी है। सरकार ने इन खाली पदों पर नए सिरे से नियुक्ति करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जनपद की 643 ग्राम पंचायतों में सवा साल पहले पंचायत सहायकों की भर्ती हुई थी। नियुक्ति के लिए पहली शर्त यही थी कि आवेदन करने वाला उसी गांव का रहने वाला हो, जहां नियुक्ति चाहता है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 50 हजार से अधिक आवेदन आए थे।
मेरिट के आधार पर छंटनी करके पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गयी थी लेकिऩ युवाओं को यह नौकरी रास नहीं आ रही है। जिले में 46 पंचायत सहायकों ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है। सबके अलग-अलग कारण हैं लेकिन, कागजों में सबकी कहानी एक जैसी है। त्यागपत्र का कारण स्वेच्छा ही लिखा है। हालांकि हकीकत इससे अलग है। अधिकतर लोगों मानदेय कम होने के कारण नौकरी से त्यागपत्र दिया है।
कुंदरकी विकास खंड के कमालपुर फतेहाबाद पूर्व प्रधान नफीसुल हसन की बेटी इरम हसन का सपना अफसर बनने का है। पंचायत सहायक की भर्ती के समय सोचा था चलो नौकरी ही कर लें। कुछ तो मिलता ही रहेगा लेकिन, उन्होंने इस्तीफा देकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी है।
ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर बस्तौर के प्रधान मोहम्मद जलालुद्दीन ने बताया कि हमारे यहां राहुल कुमार की पंचायत सहायक के पद पर नियुक्ति हुई थी। उसका लेखपाल के पद पर चयन हो गया। इसलिए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। ग्राम पंचायत इमरतपुर फखरुद्दीन में सुमित चौधरी की पंचायत सहायक के पद पर नियुक्ति हो गयी थी।
सुमित चौधरी का चयन बीएएमएस में हो गया है। वह चिकित्सक बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ग्राम पंचायत लालपुर गंगवारी में शुएब रब्बानी ने ठेकेदारी का काम शुरू कर दिया है। ताहरपुर अव्वल गांव मोनिस ने भी पंचायत सहायक की नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू कर दिया।