उत्तराखंड

पांडव नृत्य का फल वितरण के साथ समापन

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रुद्रप्रयाग : भरदार क्षेत्र के तरवाड़ी गांव में चल रहे पांडव नृत्य का फल वितरण के साथ समापन हो गया। अंतिम दिन पांडवों व देव निशानों के अपने ससुराल स्वीली जाने का विदाई का पल भावुक कर गया। अंतिम दिन दूर-दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पांडव देखने पहुंचे। बीते 12 नवम्बर से ग्राम पंचायत दरमोला के तरवाड़ी में शुरू हुए पांडव नृत्य का शुक्रवार को विधिवत समापन हो गया है। भगवान बद्रीविशाल एवं शंकरनाथ सहित कई देवताओं की विशेष पूजा अर्चना के बाद भोग लगाया गया। पुजारी ने पांडवों के अस्त्र-शस्त्रों की भी विशेष पूजा अर्चना की। पहले तो ढोल-दमाऊ की थाप पर पांडवों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी खूब नृत्य किया। बाद में पांडवों ने ही अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य किया। पांडवों का नृत्य ने लोगों को खूब आनंदित भी किया। भगवान नारायण के पश्वा सहित सभी पांडवों ने अंत में भक्तों के बीच फल फेंके, जिसे भक्तों ने उन्हें प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इससे पहले गुरुवार रात्रि को रातभर अस्त्र-शस्त्रो के साथ पांडव नृत्य किया। भव्य गेंडा कौथिग आकर्षण का केन्द्र बना रहा। पांडवों ने जौ की फसल बौने के साथ ही उसे काटने का पूरा सजीव चित्रण किया गया। फसल कटने के बाद उसका एक हिस्सा बद्रीनाथ भगवान को चढ़ाया गया। बचे हिस्से को भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरण किया गया। इस दौरान पांडवों ने केदारनाथ यात्रा पर जाने का मंचन कर भी किया। शुक्रवार को अंत में पांडवों एवं देवी-देवताओं के निशान अपने ससुराल स्वीली गांव के लिए विदाई का दृश्य सभी भक्तों को भावुक कर गया। इस दौरान भक्तों के जयकारों के साथ यहां का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। पांडव नृत्य देखने के लिए दरमोला, डुंग्री, स्वीली, सेम, जवाड़ी, रौठिया, मेदनपुर से बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इस मौके पर पुजारी कीर्ति प्रसाद डिमरी, पांडव लीला कमेटी के अध्यक्ष करण सिंह रावत, जसपाल सिंह पंवार, नत्था सिंह पंवार, किशन रावत, शूरवीर सिंह, वीर सिंह, राजेन्द्र सिंह, केवल सिंह सहित बडी संख्या में लोग मौजूद थे। (एजेंसी)

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