पश्वाओं पर अवतरित होकर पांडवों ने दिया आशीर्वाद
नई टिहरी। भिलंगना ब्लक के बूढाकेदार में पौराणिक पांडव नृत्य का आयोजन किया गया है। पांडव पश्वाओं पर अवतरित होकर ढोल दमाऊं की थाप पर नृत्य कर ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया। 16 दिवसीय पांडव नृत्य का मंगलवार को समापन किया जाएगा। बूढ़ाकेदारनाथ व गुरु कैलापीर की भूमि पर हर वर्ष मंगसीर की दीवाली के एक माह बाद पांडव नृत्य का आयोजन किया जाता है। जहां पर ग्रामीण व प्रवासी घर आकर पांडव नृत्य में अपने आराध्य पांच पांडवों का आशीर्वाद लेकर सुख समृद्घि की कामना करते है। पांडव नृत्य समोती के पदाधिकारी धीरेंद्र नौटियाल ने बताया कि बूढ़ाकेदार से पांडवों का विशेष संबंध है। उन्होंने कहा कि जब पांडव महाभारत युद्घ के बाद गोत्र हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए हिमालय के उत्तराखंड भगवान शिव के दर्शन को आये तो शिवजी ने बूढ़ाकेदार में वृद्घ रूप में उन्हें दर्शन दिए। जिसके बाद पांडवों ने यहां पर शिवलिंग की स्थापना की। तभी से यहां के लोग पांडवो को अपना आराध्य मानते हुए हर वर्ष पांडव नृत्य का आयोजन कर ढोल दमाऊं के साथ केदारखंडी नृत्य के साथ उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते है।