अतिक्रमण से सिकुड़ रहा पनियाली गदेरा, नोटिस तक सिमटा सिस्टम

Spread the love

कोटद्वार शहर में तीन किलोमीटर के हिस्से में बह रहा पनियाली गदेरा
बरसात में विकराल बनकर बह रहे पनियाली गदेरे से जानमाल का खतरा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शहर के मध्य तीन किलोमीटर के हिस्से में बहने वाला पनियाली गदेरा अतिक्रमण के कारण लगातार सिकुड़ता जा रहा है। हालत यह है कि प्रत्येक वर्ष सरकारी सिस्टम अतिक्रमण को चिह्रित करने के साथ ही नोटिस थमाकर अपनी जिम्मेदारी को समाप्त कर देता है। जबकि, आज तक धरातल पर अतिक्रमण को हटाने की सुध नहीं ली गई। नतीजा, इस बरसात में भी गदेरा जान-माल के लिए खतरा बना हुआ है। ऊफान पर बहने वाले गदेरे से आसपास के लोगों की नींद ही उड़ गई है।
लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के जंगलों से निकल पनियाली गदेरा नगर के मध्य से होता हुआ खोह नदी में मिलता है। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के समीप से गदेरा नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश करता है। इसके बाद शिवपुर, आमपड़ाव, मानपुर, सिताबपुर, काशीरामपुर, कौड़िया क्षेत्रों से होता हुआ खोह नदी तक पहुंचता है। जंगल से जैसे ही यह गदेरा शहर में प्रवेश करता है, गदेरे का आकार सिकुड़ने लगता है। इसका मुख्य कारण गदेरे में लगातार बढ़ता अतिक्रमण है। दरअसल, वर्षा के दौरान ऊफान पर बने पनियाली गदेरे पर वर्षा के जल को निकलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती। जिससे पानी भारी मलबे को लेकर आबादी में घुस जाता है। इससे आबादी क्षेत्र को भारी नुकसान झेलना पड़ता है।
बॉक्स समाचार
केवल नोटिस तक सिमटा सरकारी तंत्र
पनियाली गदेरे को अतिक्रमण मुक्त करने के नाम पर सरकारी सिस्टम केवल नोटिस व अतिक्रमण चिह्रित करने तक ही सीमित है। 2017 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद सिंचाई विभाग ने पनियाली गदेरे में आमपड़ाव से कौड़िया के मध्य 130 अतिक्रमण चिह्नित किए। लेकिन, किसी भी अतिक्रमण को हटाया नहीं गया। 2023 में पुन: विभाग ने अतिक्रमण चिह्निकरण की कार्रवाई करते हुए 156 अतिक्रमण चिह्नित किए। लेकिन, पूर्व की भांति इस मर्तबा भी विभाग अतिक्रमणकारियों को नोटिस देने तक ही सिमट कर रह गया। वर्तमान में गदेरे पर 165 से अधिक अतिक्रमण मौजूद हैं
बॉक्स सामचार
पनियाली गदेरे में हुए हादसे
1. वर्ष 1988 में पनियाली गदेरे में आई बाढ़ से दो लोगों की मौत। गदेरे से सटे क्षेत्रों में भारी नुकसान
2. वर्ष 1993-94 में गदेरे में आई बाढ़ से निचले क्षेत्रों में कई घरों में पानी भर गया। कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ।
3. 16 सितंबर 2012 को सूर्या नगर में बनी पुलिया के कारण गदेरे का पानी सूर्या नगर व कौड़िया क्षेत्र में भरा, भारी नुकसान।
4. अगस्त 2017 को पनियाली गदेरे से आई बाढ़ के कारण सात लोगों की मौत, पूरे क्षेत्र में जलभराव, हजारों घरों में भरा मलबा।
5. अगस्त 2018 में पनियाली गदेरे के ऊफान पर आने के बाद कई घरों में मलबा घुसा, एक महिला की मौत।
6. जुलाई 2019 में घर में गदेरे का पानी भर जाने के बाद सामान बाहर निकाल रहे तीन युवकों की करंट लगने से मौत।
7. सात अगस्त 2023 में पनियाली गदेरे ने कौड़िया क्षेत्र में जमकर उत्पात मचाया है। गदेरे के तेज बहाव में गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के विक्टोरिया क्रास विजेता गबर सिंह कैंप को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली पुलिया बह गई। साथ ही कुछ आवासों को भी नुकसान पहुंचा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *