प्रतिवर्ष बरसात में तबाही मचाता है नगर के बीच से गुजरने वाला पनियाल गदेरा
गदेरे को अतिक्रण मुक्त करने के नाम पर केवल चिह्रिकरण व नोटिस तक सिमटा सिस्टम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : बरसात की धमक के साथ ही पनियाली गदेरा एक बार फिर क्षेत्रवासियों को डराने लगा है। पहाड़ों में हो रही तेज बारिश के दौरान नगर के बीच से गुजरने वाला पनियाली गदेरा विकराल होकर बह रहा है। अतिक्रमण की भेंट चढ़ा यह गदेरा कब जान-माल पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। जबकि पूर्व में भी गदेरा क्षेत्र में काफी तबाही मचा चुका है।
घाड़ क्षेत्र के जंगल से निकलने वाला पनियाली गदेरा नगर के बीच से होकर गुजरता है। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही वर्षा कोटद्वार के लिए दुख:दायी साबित होती है। पर्वतीय क्षेत्रों में मूसलधार बारिश होने पर कोटद्वार क्षेत्र में गदेरा उफान पर आ जाता है। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के समीप से गदेरा नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश करता है। इसके बाद शिवपुर, आमपड़ाव, मानपुर, सिताबपुर, काशीरामपुर, कौड़िया क्षेत्रों से होता हुआ सुखरो नदी तक पहुंचता है। जंगल से जैसे ही यह गदेरा शहर में प्रवेश करता है, गदेरे का आकार सिकुड़ने लगता है। इसके बाद जैसे-जैसे गदेरा मानपुर, सिताबपुर, जानकीनगर, सूर्यानगर, शिवालिक नगर, देवी नगर, कौड़िया बस्ती से गुजरता है, गदेरा गंदे नाले के रूप में नजर आने लगता है। पूर्व में उफान पर बने गदेरे से कई बार जानमाल का नुकसान हो चुका है। गत वर्षाकाल के दौरान भी कौड़िया क्षेत्र में गदेरे ने खूब ताडंव मचाया था। कई लोगों के घरों में मलबा भर गया था।
चिह्निकरण तक सिमटा अभियान
करीब पांच वर्ष पूर्व सिंचाई विभाग ने पनियाली गदेरे में आमपड़ाव से कौड़िया के मध्य 130 अतिक्रमण चिह्नित किए। लेकिन, आज तक इस अतिक्रमण को हटाने की जहमत नहीं उठाई। बीते वर्षाकाल में पुन: सिंचाई विभाग ने अतिक्रमण चिह्निकरण की कार्रवाई की और 156 अतिक्रमण चिह्नित किए। लेकिन, पूर्व की भांति इस मर्तबा भी विभाग अतिक्रमणकारियों को नोटिस देने तक ही सिमट कर रह गया। स्थानीय प्रशासन भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही को लेकर चुप्पी साधे नजर आता है।
पनियाली गदेरे में हुए हादसे
1. वर्ष 1988 में पनियाली गदेरे में आई बाढ़ से दो लोगों की मौत। गदेरे से सटे क्षेत्रों में भारी नुकसान
2. वर्ष 1993-94 में गदेरे में आई बाढ़ से निचले क्षेत्रों में कई घरों में पानी भर गया। कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ।
3. 16 सितंबर 2012 को सूर्या नगर में बनी पुलिया के कारण गदेरे का पानी सूर्या नगर व कौड़िया क्षेत्र में भरा, भारी नुकसान।
4. अगस्त 2017 को पनियाली गदेरे से आई बाढ़ के कारण सात लोगों की मौत, पूरे क्षेत्र में जलभराव, हजारों घरों में भरा मलबा
5. अगस्त 2018 में पनियाली गदेरे के उफान पर आने के बाद कई घरों में मलबा घुसा, एक महिला की मौत
6. जुलाई 2019 में घर में गदेरे का पानी भर जाने के बाद सामान बाहर निकाल रहे तीन युवकों की करंट लगने से मौत
7. सात अगस्त 2023 में पनियाली गदेरे ने कौड़िया क्षेत्र में जमकर उत्पात है। गदेरे के तेज बहाव में गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के विक्टोरिया क्रास विजेता गबर सिंह कैंप को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली पुलिया बह गई। साथ ही कुछ आवासों को भी नुकसान पहुंचा।