पौड़ी गढ़वाल: नवजात को गदेरे में फेंकने संबंधी मामले में पुलिस की जांच सुस्त
-नाबालिग प्रसूता के पिता ने क्षेत्र के ही एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में कराया था मुकदमा दर्ज
-आरोपित युवक की अभी तक नहीं हो पाई है गिरफ्तारी
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। नवजात को गदेरे में फेंकने संबंधी मामले में पुलिस जांच सुस्त रफ्तार में चल रही है। पुलिस अभी तक पोक्सो के तहत दुष्कर्म के आरोपित युवक को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस जांच में प्रसूता नाबालिग निकली थी। नाबालिग प्रसूता को कोटद्वार स्थित कन्या बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है। वहीं एसएसपी का कहना है कि जल्द ही दुष्कर्म के आरोपित युवक को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
बीते 14 जून को थाना थलीसैंण क्षेत्र के एक गांव में डाट पुल के नीचे एक नवजात बच्ची मिली थी। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात को उपचार के लिए सीएचसी थलीसैंण में भर्ती कराया था। जहां चिकित्सको ने नवजात को बेस अस्पताल श्रीनगर रैफर कर दिया था। पुलिस ने नवजात को असुरक्षित स्थान पर छोड़ने के आरोप में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बाद में पुलिस जांच में प्रसूता एक नाबालिग निकली थी। जिस पर पुलिस ने उक्त मुकदमा नाबलिग प्रसूता के खिलाफ नामजद दर्ज कर लिया था। इसके बाद नाबालिग प्रसूता के पिता ने क्षेत्र के ही एक युवक के खिलाफ बेटी से दुष्कर्म के आरोप में नामजद शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने प्रसूता के पिता की शिकायत पर पोक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन पुलिस मुकदमा दर्ज किए जाने के चार दिन बाद भी आरोपित युवक को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। हालांकि पुलिस ने नाबालिग प्रसूता को कन्या बाल संरक्षण गृह कोटद्वार भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी पी. रेणुका देवी का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हर पहलू पर गंभीरता से जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपित युवक को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस की सुस्ती नवजात को शिशु निकेतन भेजने में बन रही रोड़ा
पौड़ी। जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष इंदु वशिष्ठ ने बताया कि नवजात स्वस्थ हो गई है, लेकिन पुलिस कार्रवाई में पूरी नहीं होने के चलते नवजात को शिशु निकेतन भेजने में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि नवजात के माता-पिता की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट होना है। लेकिन आरोपी युवक अभी पकड़ा नहीं गया है। अध्यक्ष वशिष्ठ ने बताया कि नवजात, माता-पिता के डीएनए टेस्ट के बाद ही नवजात को शिशु निकेतन भेजने की प्रक्रिया शुरु हो पाएगी।