प्राकृतिक जलस्रोतों को बचाना जरूरी
जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली। 16 से 31 मार्च तक चलने वाले नमामि गंगे, गंगा स्वच्छता पखवाड़ा के तहत राजकीय महाविद्यालय सतपुली में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि जलसंरक्षण और जलसंकट के निदान के लिए प्राकृतिक जलस्रोत का संरक्षण सबसे जरूरी है। इससे जलस्तर बराबर रहेगा साथ ही जलसंकट से भी निजात मिलेगी। साथ ही लोगों को पानी कि कम किल्लत झेलनी पड़ेगी। जलसंरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।
संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि राजकीय महाविद्यालय भाबर के प्राचार्य डॉ. वीके अग्रवाल, मुख्य वक्ता डॉ. आरके द्विवेदी ने माँ सरस्वती के चित्र के समीप दीप प्रज्जवलित कर किया। साथ ही शहीद वाल के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर शहीदों को श्रद्धाजंलि दी। तत्पश्चात छात्राओं ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। मुख्या वक्ता डॉ. आरके द्विवेदी ने कहा कि आने वाले समय में जल संकट गहराने वाला है और हमें अभी से इसके लिए तैयारी करनी होगी। हमें जल को बचाने के लिए अपने प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाना होगा और उन्हें पुनर्जीवित करना होगा। मुख्य अतिथि डॉ. वीके अग्रवाल ने वर्तमान में जल की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए जल के अपव्यय को रोकने की बात कही। इस मौके पर डॉ. संजय कुमार प्राचार्य सतपुली महाविद्यालय, डॉ. अवधेश उपाध्याय, डॉ. राजकुमार त्यागी, राकेश इष्टवाल, डॉ. पूजा ध्यानी, डॉ. दीप्ति माहेश्वरी, डॉ. कपिल आदि मौजूद थे।