उत्तराखंड

छात्रों के परीक्षा केंद्र बदलने से अभिभावक नाराज

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जयन्त प्रतिनिधि।
रुद्रप्रयाग। केंद्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि का कक्षा 10वीं और 12वीं का परीक्षा केंद्र राजीव गांव नवोदय विद्यालय मालतोली करने पर अभिभावकों में रोष है। उन्होंने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री एवं हरिद्वार सांसद से उक्त मामले में ज्ञापन भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को दिए ज्ञापन में अभिभावकों ने कहा कि वर्षों से संचालित केंद्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि का कक्षा 10वीं एवं 12वीं का परीक्षा केंद्र बिना कारण राजीव गांधी नवोदय विद्यालय मालतोली कर दिया गया है। जिस कारण समस्त अध्यापकों में अत्यंत रोष है। अभिभावकों ने कहा कि केंद्र बदलने से छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन 30 किलोमीटर पहाड़ी मार्ग से कड़ाके की ठंड में जाना पड़ेगा इससे छात्रों के स्वास्थ्य पर भी दुष्परिणाम होंगे जबकि उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उनकी क्षमता और प्रदर्शन में भी काफी कमी आएगी। अभिभावकों ने कहा कि इसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा जबकि नवंबर-दिसंबर माह में कड़ाके की सर्दी रहती है। साथ ही बारिश में पहाड़ी से पत्थर गिरने की संभावना भी बनी रहती है। यदि ऐसे में किसी भी प्रकार की क्षति होगी तो इसकी जिम्मेदारी भी तय की जाए। विद्यालय में गरीब परिवारों, अधिकांश सैनिकों के बच्चे पढ़ते हैं। सैनिकों के बच्चे की व्यवस्था किस प्रकार से की जाएगी। कहा कि इस प्रकार के दोहरे मापदंड क्यो किए जा रहे हैं। केंद्र परिवर्तन किए जाने पर इसका भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए था। कहा कि जब अभिभावकों द्वारा केंद्र का भ्रमण किया गया तो वहां पर संसाधनों का अभाव है। यहां परीक्षा संपादित करने के लिए अपर्याप्त है। कहा कि अभिभावकों को यह जानने का अधिकार है कि केंद्र परिवर्तन किए जाने का कारण क्या रहा है। कहा कि केंद्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि में अभिभावकों की नजर में उल्लेखनीय कार्य रहा है। जबकि छात्रों के प्रदर्शन में भी लगातार सुधार हो रहा है। केंद्र परिवर्तन होने की दशा में छात्रों की परफॉर्मेंस में गिरावट आएगी साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी दिक्कतें होंगी। कहा कि इस संबंध में छात्र-छात्राओं के साथ यदि कोई भी दिक्कत हुई तो उसकी जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं केंद्र परिवर्तित के लिए संस्तुति प्रदान करने वाली संस्था, समन्वयक की होगी। कहा कि एक ओर कोरोना के चलते स्वयं सीबीएसई कुछ छूट प्रदान कर रही है वही दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले विद्यालय में शिक्षा ले रहे छात्रों को विषम परिस्थतियों से गुजरना होमौजूद थे।

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