उत्तराखंड

बच्चों को छात्रावास में भेजने को तैयार नहीं अभिभावक

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विकासनगर। शिक्षा विभाग की ओर से गैर आवासीय शिक्षा केंद्रों (एनआरएसटी) को बंद कर छात्रावास खोलने का कुछ अभिभावक विरोध कर रहे हैं। जिन्हें सहमत करने के लिए विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए एक गैर सरकारी संगठन की सहायता भी ली जा रही है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों और गैर सरकारी संगठन के पदाधिकारियों ने वन गुर्जर बस्ती धौला तप्पड़ में चल रहे एनआरएसटी में अभिभावकों के साथ बैठक की। हालांकि इस बैठक में भी अभिभावकों की एकराय नहीं बनी। शिक्षा तक पहुंच से वंचित जनजातियों के लिए, विशेष रूप से जंगलों में रहने वाले वन गुर्जरों के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराने के लिए गैर आवासीय शिक्षा केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में गुर्जरों के बच्चों को आठवीं तक निशुल्क शिक्षा मुहैया कराई जा रही है। अब इन्हें इंटर तक की निशुल्क शिक्षा मुहैया कराने के लिए शिक्षा विभाग गैर आवासीय शिक्षा केंद्रों को बंद कर छात्रावास की सुविधा मुहैया करा रहा है। लेकिन कुछ अभिभावक छात्रावास खोलने का विरोध कर रहे हैं। इन अभिभावकों का कहना है कि कक्षा एक में पढ़ने वाले बच्चे परिवार से दूर छात्रावास में नहीं रह सकते हैं। शुक्रवार को धौलातप्पड़ स्थित एनआरएसटी में अभिभावकों के साथ बैठक करने के लिए समग्र शिक्षा की जिला समन्वयक के साथ ही तीन अधिकारी पहुंचे। बैठक में अभिभावकों को समझाने के लिए एक एनजीओ के पदाधिकारी भी पहुंचे थे। अभिभावक लियाकत अली ने बताया कि कक्षा एक के बच्चों को छात्रावास में भेजने के लिए कोई भी अभिभावक तैयार नहीं हो रहा है। इस दौरान जिला समन्वयक प्रिया रावत, आमिर, शहजाद आदि मौजूद रहे।

 

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