अभिभावक हो जाएं सावधान, इमोशनल तरीके से ठगी कर रहे साइबर अपराधी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : यदि आपका बेटा घर से बाहर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता है तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, इन दिनों साइबर ठग अभिभावकों से इमोशनल तरीके से ठगी का हथकंडा अपना रहे हैं। दरअसल, साइबर ठग इन दिनों फर्जी पुलिस, नारकोटिक्स सेल व सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी कर रहे हैं।
समय के साथ साइबर ठगों ने भी ठगी का तरीका बदल दिया है। पूर्व में वह बैंक अधिकारी बन उपभोक्ताओं को एटीएम की वैधता खत्म होने के नाम पर ठगते थे। लेकिन, अब वह इमोशनल तरीके से ठगी कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व एक व्यक्ति के वाट्सएप पर एक काल आई। काल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह देहरादून से पुलिस अधिकारी बोल रहा है। उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ मसूरी रोड पर जा रहा था, जिसका रास्ते में एक्सीडेंट हो गया है। बच्चे के सिर पर चोट आई है और वह उसे लेकर अस्पताल जा रहा है। अस्पताल में बच्चे को बेहतर उपचार मिले इसके लिए वह उनके खाते में दस हजार रुपये डलवा दें। बच्चे के एक्सीटेंड की खबर सुनते ही व्यक्ति के पैरों तले जमीन खिसक गई। हालांकि उन्होंने तुरंत बेटे के मोबाइल नंबर पर काल की तो पता चला कि बेटा देहरादून स्थित हॉस्टल में सुरक्षित है। इसी तरह साइबर अपराधी लगातार उन अभिभावकों को ठग रहे हैं, जिनके बच्चे अन्य शहरों में पढ़ाई कर रहे हैं। यही नहीं, साइबर ठग जिस वाट्सएप नंबर से काल करते है, उस पर वर्दी पहने पुलिस अधिकारी की ही फोटो होती है। कोटद्वार पुलिस के पास भी लगातार इस तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं।
जेल भेजने के नाम पर ठगी
साइबर अपराधी बच्चों को आपराधिक घटनाओं में शामिल होने की बात कहकर भी अभिभावकों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। भाबर निवासी एक व्यक्ति का बेटा देहरादून में पढ़ाई करता है। कुछ दिन पूर्व उनका बेटा छुट्टी लेकर घर आया हुआ था। बेटा जब पिता के समीप ही बैठा हुआ था तो उन्हें वाट्सएप पर एक काल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि उनका बेटा देहरादून में किसी आपराधिक घटना में पकड़ा गया है। यदि वह चाहते हैं कि बेटे को जेल न हो तो इसके लिए वह उसके खाते में 25 हजार रुपये डलवा दें। बेटा समीप ही बैठा हुआ था इसलिए व्यक्ति को समझने में देरी न हुई कि यह साइबर ठग का कॉल है।