संसद हमला : शहीदों के सर्वोच्च बलिदान का ऋणि रहेगा देश
-संसद भवन पर हुए हमले की 21वीं बरसी पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने शहीदों को किया नमन
नई दिल्ली, एजेंसी : आज से 21 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के संसद भवन पर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में संसद भवन के गार्ड, माली और दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। हमले की 21वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सोमवार को पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए 2001 में संसद हमले के दौरान अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश के लिए जवानों की सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता है। वहीं, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर 2001 में आतंकवादी हमले के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश इस बलिदान के लिए हमेशा सुरक्षा कर्मियों का आभारी रहेगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में राष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षाबलों के साहस व शौर्य को कोटि-कोटि नमन करता हूं। आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव देशवासियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उनके साहस और कर्तव्य के प्रति सर्वोच्च बलिदान के लिए आभारी रहेगा।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शहीदों को याद करते हुए ट्वीट किया कि 13 दिसंबर 2001 को हमारे पराक्रमी जवानों ने आतंक का मुंहतोड़ जवाब देते हुए देश की संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को विफल किया था। उनके साहस, शौर्य और समर्पण का यह देश सदैव ऋणी रहेगा। मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों को नमन। बता दें कि 21 साल पहले हुए हमले के पीछे मोहम्मद अफजल गुरु, शौकत हुसैन समेत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के आतंकवादी शामिल थे। 9 फरवरी 2013 को हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी।