नईदिल्ली ,संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन केंद्र सरकार ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार का दावा किया है। पर्यावरण मंत्रालय ने संसद में बताया कि दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण कई कारकों से प्रेरित है, जिनमें घनी आबादी, भारी वाहन गतिविधि, औद्योगिक उत्सर्जन, निर्माण धूल, बायोमास जलाना और लैंडफिल में आग शामिल हैं। हालांकि, इसके बाद भी दिल्ली में कम वायु प्रदूषण के दिनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि सर्दियों में मौसम की स्थिति प्रदूषकों को एक जगह रोक देती है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में बढ़ोतरी हो जाती है। इसी तरह एनसीआर और पंजाब में पराली जलाए जाने से भी हालात बिगड़ जाते हैं। इसके बाद भी सरकार के प्रयासों के कारण पंजाब और हरियाणा में 2022 की तुलना में 2025 में धान की कटाई के मौसम में पराली जलाए जाने की घटनाओं में लगभग 90 प्रतिशत की कमी दर्ज की है।
मंत्रालय ने बताया कि, विभिन्न एजेंसियों की समन्वित कार्रवाई के कारण दिल्ली में कम प्रदूषण वाले दिनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अच्छी वायु गुणवत्ता वाले दिनों (200 से कम एक्यूआई) की संख्या 2016 में 110 से बढ़कर 2025 में 200 दिन हो गई है। इसी तरह बहुत खराब (301-400) और गंभीर (401 से अधिक) एक्यूआई वाले दिनों की संख्या 2024 में 71 से घटकर 2025 में 50 हो गई। इस साल सबसे कम औसत एक्यूआई दर्ज किया है।
मंत्रालय ने कहा कि निरंतर प्रदूषण नियंत्रण उपायों से राजधानी क्षेत्र में एक्यूआई में सुधार हो रहा है। इस साल दिल्ली का औसत एक्यूआई 187 दर्ज किया गया है, जबकि साल 2024 में यह 201, 2023 में 190, 2022 में 199, 2021 में 197, 2020 में 172, 2019 में 203 और 2018 में 213 था। इस साल जनवरी और नवंबर के बीच केवल 3 दिन ही दैनिक औसत एक्यूआई 400 से अधिक रहा, जबकि 2024 में ऐसे 11 दिन थे।