पर्यावरण संतुलन बनाने को लेकर हुई चर्चा
चमोली। गोविद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के तत्वावधान में जिला पर्यावरण योजना की तैयारी को लेकर कलक्ट्रेट सभागार में एक दिवसीय परामर्श कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें वैज्ञानिकों ने पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के उपायों पर गहनता से चर्चा करते हुए महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम ने उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देहरादून द्वारा वित्त पोषित प्रोजेक्ट का जिला पर्यावरण प्रबंधन प्लानिग से संबंधित होने वाले कार्यकलापों का विभागों के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि पर्यावरण पहलुओं को संरक्षित रखते हुए पर्यावरण संरक्षण बेहद जरूरी है। इसके संतुलन को बनाए रखने के लिए हम लोगों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने नगर निकाय, जल संस्थान, विकास प्राधिकरण, परिवहन, वन आदि विभागों को ठोस कार्य योजना बनाने के साथ ही शीघ्र अति शीघ्र प्रस्तावित किए गए प्रारूप को भरकर पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। ताकि जिले की पर्यावरण प्लानिंग से संबंधित रिपोर्ट राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सुपुर्द की जा सके। जीबी पन्त हिमालय पर्यावरण संरक्षण के वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने कहा कि सोलेट बेस्ट मैनेजमेंट, बायोमेडिकल बेस्ट, प्लास्टिक बेस्ट मैनेजमेंट, वायु प्रदूषण आदि पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यों के बेहतर निस्पादन को लेकर हमारी जिम्मेदारियां और अधिक बढ़ जाती है। पर्यावरण संतुलन के बगैर भविष्य में जीवन मुश्किलों भरा होगा। आने वाले कल को हमें पर्यावरण संतुलन बनाकर ही संरक्षित कर सकते है। उन्होंने जिला पर्यावरण योजना में 14 संबंधित सिमेटिक क्षेत्रों की विस्तार से जानकारी दी और योजना के तहत विभागों को निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट तैयार करने के बारे में बताया। इस दौरान पर्यावरण संस्थान के मृदा वैज्ञानिक डॉ. सुमित राय, ग्लेशियर वैज्ञानिक डॉ. कपिल केसरवानी तथा मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने भी पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार रखे। कार्यशाला में डीएफओ बदरीनाथ आशुतोष सिंह, सीएमओ डॉ. जीएस राणा, एसडीएम बुशरा अंसारी, जिला कार्यालय के प्रभारी अधिकारी कुमकुम जोशी, सीवीओ डॉ. शरद कुमार भण्डारी, ईओ नगर पालिका अनिल पंत सहित संबधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।