रुद्रपुर। पंतनगर विवि आये पर्यावरण विशेषज्ञों ने कल्याणी नदी का सैंपल लेकर विश्लेषण किया। इस दौरान उन्होंने बताया सिडकुल से रंपुरा तक नदी अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। कहा पंतनगर विवि में विकसित की गई काइटोरेमेडिएशन और डैंड्रोरेमेडिएशन तकनीकों का उपयोग कर नदी को स्वच्छ बनाने का प्रयास किया जायेगा। रविवार को पंत विवि के विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक डॉ. आरके श्रीवास्तव के नेतृत्व में डॉ. प्राची जायसवाल, डॉ. अनिल शंखवार, मोनिका छिम्वाल, वंदना पछाई, वंदना आर्या और सुल्तान अब्दुल ने कल्याणी नदी के उद्गम स्थल सैनिक फार्म पत्थरचट्टा से लेकर अंतिम स्थल रंपुरा तक कई स्थलों को चिह्नित किया और सैंपल लेकर उनका विश्लेषण किया। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा नदी की गुणवत्ता में सुधार के लिए त्वरित प्रयासों के तहत सीईटीपी सिडकुल में ऑक्सीनेशन पॉंड और पंतनगर में विकसित की गयी काइटोरेमेडिएशन तथा डैंड्रोरेमेडिएशन तकनीकों का उपयोग नदी को स्वच्छ करने के लिए किया जायेगा। ये प्राकृतिक तकनीकें अन्य कन्वेंशनल तकनीकों की तुलना में बहुत कम लागत में कार्य करती है। इनसे गंदे पानी को साफ करने के साथ ही आर्थिक लाभ भी उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा प्रारंभिक अध्ययन में सैनिक फार्म पत्थरचट्टा से सिडकुल के प्रवेश स्थल तक नदी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप थी। जबकि सिडकुल से अंतिम स्थल रंपुरा तक नदी अत्यधिक प्रदूषित मिली। कहा टीम ने कई स्थानों से सैंपल एकत्रित किए है। जिन्हें वे विवि की प्रयोगशाला में विश्लेषित करेंगे। इधर, नगर निगम, रोटी क्लब एवं द्रोण कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में कल्याणी नदी को उसके पुराने स्वरूप में लाने के लिए लंबे समय से मुहिम चलाई जा रही है। यहां मेयर रामपाल सिंह, नगर आयुक्त रिंकू बिष्ट, द्रोण कॉलेज के सचिव किशोर कुमार शर्मा, सैनिक फार्म अधीक्षक वीपी श्रीवास्तव, रोटरी क्लब के कोर्डिनेटर सुनील सोनी रहे।