पर्यावरण को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पर्यावरणविद् पदम भूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि साल 2021 में चाहे कितनी भी चुनौतियां हो, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती पारिस्थितिकी संरक्षण ही है। पर्यावरण को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने का अब समय आ गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 100 सालों में प्रकृति को जो नुकसान हुआ है, उसके दुष्परिणाम आने शुरू हो गये है। इसलिए पारिस्थितिकी ऑडिट का समय आ गया है।
शनिवार को कोटद्वार में प्रेस वार्ता करते हुए हेस्को के संस्थापक डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की तीन बातें हमें समझनी चाहिए। पहला, हम इस परिवर्तन को समझें। दूसरा, इसके कारणों में अपनी कमियां भी तलाशें कि पर्यावरण को बिगाड़ने में हमारी भागीदारी कितनी रही और तीसरी बात यह कि हमारे पास ऐसा कौन सा रास्ता है, जो हमें लगातार बताए कि पर्यावरणीय दृष्टि से हम देश-दुनिया में कहां खड़े हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हमारी सुविधाएं ही हैं, जिन्हें हम जुटाने में लगे हैं और यही सबसे घातक भी साबित हुआ है। अगर हम अपने उद्योगों पर नजर डालें, तो साफ है कि ज्यादातर उद्योग आवश्यकताओं से ज्यादा विलासिताएं परोसने में जुटे हैं। आज के हालात को देखते हुए यही एक संकल्प लेना चाहिए कि ऊर्जा खपत के संयत्रों पर निर्भरता घटाकर हम अपने जीवन को नई दिशा दें। डॉ. जोशी ने कहा कि बदलते हालात इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि अब साल के किसी भी मौसम में राहत नहीं मिलने वाली। पिछले एक दशक में ऐसा हुआ भी है।