पौड़ी जिले को 200 करोड़ के पैकेज की याद दिलाई
पौड़ी। पौड़ी बचाओ संघर्ष समिति ने सीएम की घोषणाओं को कोरा बताया है। कहा कि गढ़वाल मंडल की स्वर्ण जयंती समारोह पर पिछले साल 30 जून को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी जिले को 200 करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी। लेकिन घोषणा एक वर्ष बाद भी हवा-हवाई ही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह प्रदेश के सबसे बड़े पलायन प्रभावित जिले में उपेक्षापूर्ण व्यवहार है।
पौड़ी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक नमन चंदोला ने मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पौड़ी जिले को घोषित पैकेज पर सवाल उठाए। चंदोला ने कहा कि मुख्यमंत्री पौड़ी जिले के मूल निवासी हैं। लेकिन उनका लगातार पौड़ी के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार ही रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम ने जिले को 200 करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी। जिसमें जिले में ढांचागत विकास, पार्कों का जीणोद्र्वार, बस अड्डा पौड़ी का निर्माण, माल रोड निर्माण, बस अड्डा पौड़ी-कंडोलिया-क्यूंकालेश्वर रोपवे निर्माण सहित अनेक घोषणाएं की गई थी। कहा कि देवप्रयाग रघुनाथ मंदिर से लक्ष्मण मंदिर देवल व सीता माता मंदिर को सर्किट बनाए जाने, पिंक सिटी जयपुर की तर्ज पर मुख्यालय पौड़ी की इमारतों को पहाड़ी स्थापत्य कला के रंग में नई आभा दिए जाने, देवार में एनसीसी अकादमी स्थापित किए जाने की बात कही थी। कहा कि जिले में पौड़ी, खिर्सू, सतपुली, जयहरीखाल आदि स्थानों पर सुविधाएं विकसित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि सीएम की ये सभी घोषणाएं एक साल बाद भी हवा-हवाई ही हैं। जिससे सरकार व सीएम का गृह जिले के प्रति नकारात्मक रुख साफ नजर आ रहा है।