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इधर भी ध्यान दो नेता जी, सड़क पर दिन काट रहे आपदा प्रभावित मतदाता

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आपदा से बेघर हुए सैकड़ों परिवारों की नहीं ली जा रही कोई सुध
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत मिलने के इंतजार में प्रभावित
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से बड़े-बड़े वादें कर रहे हैं। लेकिन, अगस्त माह में आई आपदा से बेघर हुए परिवारों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। हालत यह है कि आज भी सैकड़ों परिवार काशीरामपुर तल्ला में सड़क किनारे टेंट लगाकर दिन काटने को मजबूर हैं। आपदा का दंश झेल रहे इन परिवारों को उम्मीद है कि एक दिन सरकार उन पर भी मेहरबान होगी और उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा।
13 व 14 अगस्त को हुई अतिवृष्टि से खोह नदी उफान पर आई हुई थी। जिससे गाड़ीघाट, काशीरामपुर तल्ला क्षेत्र में करीब 33 भवन नदी की भेंट चढ़ गए थे। प्रशासन ने आपदा प्रभावितों को आसपास के स्कूल भवन व धर्मशालाओं में शिफ्ट कर दिया था। लेकिन, एक सप्ताह बाद ही आपदा प्रभावितों को स्कूल व धर्मशाला खाली करने का फरमान सुनाया गया। जिसके बाद कुछ परिवार तो किराए के कमरों में चले गए थे। लेकिन, कई परिवार अब भी काशीरामपुर तल्ला में सड़क किनारे टेंट लगाकर रह रहे हैं। भले ही इन परिवारों के आशियाने टूट गए हो। लेकिन, इनके पास आधार कार्ड, वोटर कार्ड सहित कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज आज भी सुरक्षित हैं। छोटे-छोटे बच्चों व बुजुर्गों के साथ टेंट में रह रहे परिवारों को उम्मीद है कि एक मतदाता होने के नाते ही सही, लेकर सरकार उनका ध्यान रखेगी। ऐसे में परिवारों ने 19 अप्रैल को मतदान अवश्य करने का भी निर्णय लिया है।

गर्मी करने लगी बेहाल
अब तक ठंड की मार झेल चुके आपदा प्रभावितों को अब गर्मी का दंश सताने लगा है। टेंट में न तो लाइट की व्यवस्था है और न ही पंखे की। ऐसे में प्रभावितों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। आपदा प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलवाने के लिए निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव भी पास हो चुका है। लेकिन, यह योजना धरातल पर कब रंग लाएगी यह देखना बाकी है।

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