पीडीएनए टीम ने किया देहरादून के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण

Spread the love

देहरादून। देहरादून जनपद में मानसून सीजन के दौरान अतिवृष्टि और प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन और आपदा-पश्चात आवश्यकता मूल्यांकन हेतु भारत और राज्य सरकार की पीडीएनए टीम ने विभागों के नोडल अधिकारियों से क्षति की जानकारी लेते हुए आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान विशेषज्ञों ने पीडीएनए की प्रक्रिया, इसके महत्व एवं कार्यान्वयन की विस्तृत जानकारी दी।
अपर जिलाधिकारी (एफआर) केके मिश्रा की अध्यक्षता में शनिवार को पीडीएनए टीम ने वन विभाग के मंथन सभागार में सभी विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की और देहरादून जिले में आपदा से हुई क्षति के बारे में पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पीडीएनए टीम द्वारा क्षति और नुकसान का समग्र आंकलन कर पुनर्प्राप्ति के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाएगा। इसमें ढांचागत नुकसान के साथ आजीविका पर पडे प्रभाव को भी शामिल किया जाएगा। विशेषज्ञों ने कहा कि पीडीएनए के अंतर्गत आपदा प्रभावित क्षेत्रों में क्षति का आंकलन, पुनर्निर्माण की आवश्यकताएं, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव तथा दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जानी है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी इसमें शामिल किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीडीएनए केवल एक तकनीकी प्रक्रिया न होकर, एक समग्र और सहभागी प्रक्रिया है, जिसमें सभी संबंधित विभागों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने विभागों को सामाजिक क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हुए परिसंपत्तियों की क्षति, नुकसान और उसका पुनर्निर्माण हेतु पीडीएनए मानकों के अनुसार निर्धारित फॉर्मेट में रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक के बाद पीडीएनए टीम ने सहस्रधारा, कार्लीगाड, मज्याडा, मालदेवता, कुमाल्डा आदि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए आपदा से हुई क्षति का निरीक्षण भी किया।
नोडल अधिकारियों ने पीडीएनए टीम को प्राकृतिक आपदा से हुई विभागीय परिसंपत्तियों को क्षति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि 15 व 16 सितंबर को अतिवृष्टि के कारण 31 लोगों की मृत्यु, 03 घायल और 01 व्यक्ति लापता हुआ है। आपदा से 95 पक्के भवनों को आंशिक क्षति, 38 पक्के भवनों को पूर्ण क्षति, 41 कच्चे आंशिक सहित 06 गौशाला क्षतिग्रस्त हुई है। स्वास्थ्य विभाग के 07 केंद्र, पेयजल निगम की 11, जल संस्थान की 38 और सिंचाई की 57 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है। कृषि में 39 गांव की 182.71 है0 भूमि प्रभावित हुई है। लोनिवि के 150 मार्ग, 13 पुलिया, 04 कलवट क्षतिग्रस्त हुए है। पीएमजीएसवाई की 54 सड़कों को नुकसान पहुंचा है। शिक्षा विभाग के 217 विद्यालयों और 38 आंगबाडी में क्षति पहुंची है। वन विभाग की 40 पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है। विभागों द्वारा क्षति का अनुमानित लागत का आकलन किया जा रहा है।
इस दौरान पीडीएनए टीम के विशेषज्ञ डा0 अजय चौरसिया, डा0 गुरप्रीत सिंह, डा0 महेश शर्मा, डा0 मोहित पुनिया सहित संयुक्त मजिस्टेट हर्षिता सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, उप जिलाधिकारी हरिगिरि, एसई जल संस्थान राजीव शैनी, एसई पीएमजीएसवाई अरूण नेगी, ईई लोनिवि राजेश कुमार, ईई यूपीसीएल राजेश कुमार, सीईओ वीके ढ़ौडियाल सहित विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *