पहले ही दिन विधेयकों की झड़ी, विपक्षी एतराज दरकिनार, कृषि सुधारों से जुड़े तीन बिलों का भारी विरोध
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद में पहले ही दिन सरकार पूरी तैयारी के साथ आई थी। कृषि सुधारों से जुड़े तीन अध्यादेशों पर विपक्षी विरोध के बावजूद सरकार ने नए विधेयकों को पेश करने की झड़ी लगा दी। षि सुधारों से जुड़े दो अध्यादेशों से संबंधित विधेयक के साथ सरकार ने लोकसभा में पहले ही दिन दो विधेयक पारित भी करा लिए। कृ षि सुधारों से जुड़े अध्यादेशों पर विपक्ष के विरोध और आशंकाओं को षि मंत्री नरेंद्र तोमर ने खारिज करते हुए कहा कि इन कानूनी बदलावों से किसानों को उनकी फसल का न केवल वाजिब मूल्य मिलेगा बल्कि खेती के क्षेत्र में नई तकनीक और संसाधनों के निवेश का रास्ता खुलेगा।
लोकसभा में कृ षि सुधार से जुड़े अध्यादेशों से संबंधित तीन विधेयक पेश किए जाने का समर्थन करते हुए तोमर ने विपक्ष की उस आशंका को भी खारिज कर दिया कि इससे एमएसपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी। षि मंत्री ने कहा कि वे सदन को भरोसा दे रहे हैं कि नए सुधार कानूनों के बावजूद एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी। हालांकि कांग्रेस ने सदन के अंदर और बाहर कृ षि क्षेत्र से जुड़े इन अध्यादेशों से संबंधित बिल का भारी विरोध करते हुए कहा कि सरकार खेती किसानी को पूंजीपतियों के हवाले कर किसानों और किसान मंडियों को उनके रहमोकरम पर छोड़ रही है।
तोमर ने किसान उपज कारोबार व्यापार प्रोत्साहन बिल और कीमतों के संरक्षण से संबंधित बिल पेश किया तो कृ षि राज्य मंत्री राव साहब दानवे ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव से जुड़े अध्यादेश का बिल पेश किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्षी सदस्यों ने इन अध्यादेशों का विरोध करते हुए कहा कि पूंजीपति और कंपनियां सुधारों के नाम पर लाए गए इन कानूनों के जरिए किसानों का दोहन करेंगी। इतना ही नहीं राज्यों में किसानों का मंडी बाजार इससे खत्म हो जाएगा। अधीर ने कहा कि षि राज्य का विषय है और इस मसले पर कानून बनाने का अधिकार राज्यों को है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार का यह कदम संघीय व्यवस्था के खिलाफ है। इतना ही नहीं शांता कुमार कमिटी की रिपोर्ट के तहत एमएसपी की व्यवस्था से किसानों को मिले कवच को सरकार छीन रही है। नरेंद्र तोमर ने इसी के जवाब में कहा कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा और इन कानूनों के जरिए षि क्षेत्र में नए निवेश एवं तकनीकों के आने का रास्ता खुलेगा जिसका सीधा लाभ किसानों को होगा। तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने भी इन अध्यादेशों का विरोध किया।
कृ षि से जुड़े तीन विधेयकों के अलावा संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोविड महामारी की चुनौती से निपटने के लिए सांसदों के वेतन में 30 फीसद कटौती से जुड़ा विधेयक पेश किया। सांसदों के वेतन में यह कटौती अध्यादेश के जरिए अप्रैल महीने से ही लागू है जो अगले साल मार्च तक लागू रहेगी। कैबिनेट ने इससे जुड़े अध्यादेश को अप्रैल के पहले हफ्ते में मंजूरी दे दी थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने को-आपरेटिव बैंकों में सुधार से जुड़े अध्यादेश की जगह बैंकिंग नियमन और सुधार बिल को पेश किया जिसका शशि थरूर और सौगत राय ने विरोध किया।