लंबित मांगों के निराकरण को आशाओं का धरना
अल्मोड़ा। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने मोर्चा खोला दिया है। शुक्रवार को एक्टू और सीटू से जुड़ी आशाओं ने संयुक्त रूप से गांधी पार्क में धरना दिया। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर शीघ्र मांगों का निराकरण नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। शुक्रवार को वक्ताओं ने कहा आशाओं को मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए नियुक्ति किया गया था। वर्तमान में उनसे विभिन्न सर्वे और अन्य काम लिये जा रहे हैं। लेकिन मानदेय नहीं बढ़ाया जा रहा है। कहा आशाएं कई किमी पैदल चल कर सर्वे कार्य कर रहीं हैं। जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर हो रहा है। उन्होंने कहा कोरोना काल में भी आशाएं पूरे मनोयोग से सरकार की ओर से निर्देशित कामों को बखूबी निभा रही हैं। बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। कहा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से की गई घोषणा का अब तक लाभ नही मिल पाया है। जिससे आशाओं में रोष है। आशाओं ने एक स्वर में आशाओं की लंबित मांगों के जल्द निराकरण के लिए सकारात्मक कदम उठाने की मांग की। कहा शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर वे आंदोलन तेज करेंगी। इधर, आशाओं के धरने को कांग्रेस ने समर्थन दिया।