आतंकवाद विरोधी अभियानों के नाम पर लोगों के किया जा रहा गायब, बलूच कार्यकर्ता ने पाकिस्तान सरकार पर बोला हमला
ओस्लो। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आए दिन हमले होते रहते हैं। इस बीच नॉर्वे के ओस्लो में होने वाले एक कार्यक्रम में बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच ने बलूचिस्तान पर पाकिस्तान सरकार की तरफ से होने वाले अत्याचारों पर चर्चा की। उन्होंने अपनी चर्चा में लोगों के जबरन गायब होने और उनकी लगातार हो रही हत्याओं के मुद्दों को उठाया।अपने बयान में, बलूच नेता ने कहा, पिछले बीस सालों से आतंकवाद विरोधी अभियानों और शांति के नाम पर पाकिस्तानी बलों की तरफ से बड़ी संख्या में लोगों को जबरन गायब कर दिया गया है।
मासूम छात्रों को भेजा गया डिटेंशन सेंटर
उन्होंने आगे कहा, “मैं जिस क्षेत्र से हूं वह पिछले सात दशकों से हिंसा और उग्रवाद से जूझ रहा है। इन पिछले दो दशकों के दौरान,उग्रवाद विरोधी अभियानों और शांति के नाम पर बड़ी संख्या में युवा, जिनमें ज्यादातर छात्र, इंजीनियर, डॉक्टर शामिल थे, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने जबरन गायब कर दिया है।”उन्होंने आगे बताया,इन लोगों को डिटेंशन सेंटर में हिरासत में रखा गया है,इसके बाद इन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया और इनके परिवार वालों को भी नहीं पता था कि ये लोग कहा हैं।
‘पाकिस्तानी प्रशासन के कारण मार्च हुआ असफल’
अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे सैकड़ों बच्चे,और कई युवा हैं जिनके पिता,चाचा या भाई हफ्तों,महीनों से गायब हैं। बलूच ने आगे पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इन मुद्दों को संबोधित करने के बजाय हिंसा का सहारा लिया है।
साथ ही उन्होंने अपने भाषण में दिसंबर में होने वाले लॉन्ग मार्च का भी जिक्र किया । उन्होंने कहा, ये मार्च भी पाकिस्तानी प्रशासन की अनदेखी के कारण विफल हो गया। बलूच ने आगे अपने भाषण को समाप्त करते हुए एक उम्मीद के साथ बात की। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है क्योंकि जो लोग इस हिंसा के पीछे हैं और जो लोग हिंसा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनकी संख्या कम है। उन्होंने कहा, “हो सकता है कि उनके पास हम पर शासन करने की शक्ति हो। लेकिन जो लोग मानवता में विश्वास करते हैं, जो शांति में विश्वास करते हैं, उनकी संख्या बहुत अधिक है।”