चमोली। डिम्मर गांव में हो रही रामलीला मंचन के षष्ठम दिवस पर रावण ने साधु का वेश धारण कर सीता का हरण किया। रामलीला को देखने के लिए गोपथला, नाकोट, सिमली, राड़खी, मज्याड़ी, कर्णप्रयाग, धारडुंग्री, बांगड़ी सहित आसपास के गांवों से काफी संख्या में श्रृद्धालु पहुंचे। सूर्पनखा, खर-दूषण, रावण, मारीच, जटायु, सबरी, राम, लक्ष्मण, सीता के पात्रों के अभिनय में हेमचंद्र डिमरी, अमित, अंशुल, आशुतोष डिमरी, पंकज, रोहन चमोला, गुंजन डिमरी, आयुष, सक्षम, अनिकेत डिमरी की प्रस्तुतियों ने दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। मौके पर रामलीला मंडली के संरक्षक एमपी डिमरी, गोपी डिमरी, विनोद डिमरी, गजेंद्र डिमरी, एसपी खंडूड़ी, गणेश खंडूड़ी, सुरेश डिमरी, कमलेश्वर प्रसाद, प्रणवेंद्र डिमरी सहित आदि स्थानों के श्रद्धालु मौजूद थे। आईसीएसएसआर (भारतीय सामाजिक एवं अनुसंधान परिषद) रिसर्च प्रोग्राम अदिति महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय की निदेशक पुनीता गुप्ता और एसोसिएट प्रोफेसर डा. चंद्रशेखर बढ़ानी एवं रिसर्च सहायक निपुण निशांत ने बताया कि उत्तराखंड में रामलीला मंचन के इतिहास और प्रस्तुतिकरण की समकालीन शैलियों का तुलनात्मक अध्ययन एवं महिला सहभागिता का सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन किया जा रहा है। विगत एक वर्ष से शोध टीम लगभग आठ जनपदों में रामलीला मंचन की प्रस्तुति देख चुकी है। उसी श्रृंखला क्रम में डिम्मर गांव की रामलीला के अवलोकन के लिए कर्णप्रयाग आए हैं।