उत्तराखंड

प्रतापनगर के लोगों को नहीं मिल पा रहा पेयजल योजनाओं का लाभ

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नई टिहरी। पेयजल योजना के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद प्रतापनगर क्षेत्र के ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि शासन-प्रशासन से शिकायत के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
प्रतापनगर विकासखंड के अंतर्गत जल निगम, जल संस्थान व हंस फाउंडेशन की ओर से लाखों रुपये पेयजल के नाम पर खर्च करने के बावजूद भी ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। क्षेत्र के माजफ, कुडियाल गांव, क्यारी सहित कई गांवों में जल मिशन के तहत मोटा बजट मरम्मत के नाम पर खर्च किया गया। फिर भी ग्रामीण प्यासे ही रहे। गांव में पहले से ही स्वजल योजना से लोगों ने पेयजल कनेक्शन लिए हुए थे। उसी की मरम्मत कर खर्च कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गयै।
ग्रामीण आनंद सिंह दुमोगा, बसंत लाल, विरेंद्र थलवाल, मदनसिंह सजवाण, बिजेंद्र भट्ट आदि का कहना है कि गांव के रास्ते में बिछाई गई पाइप लाइन भी खुली छोड़ने से लोगों के आवागमन में परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि खुले छोड़े गए पाईप लाईन की चपेट में कई बार ग्रामीण चोटिल तक हो गए है। विभागीय अधिकारी थर्ड पार्टी आडिट के नाम पर पहले से ही लिए गये कनेक्शनों को दिखाने के जुगत में जुटे हुए हैं, ताकि केंद्र सरकार की ओर से किये जा रहें अडिट रिपोर्ट सही भेज कर अन्य धनराशि भी हासिल की जा सके। जिन पेयजल स्त्रोतों से पहले से पेयजल आपूर्ति की जा रही है, उन्हीं पर लाखों रूपए खर्च कर पेयजल के नाम पर ग्रामीणों के साथ मजाक किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मामले को लेकर कई शिकायतें देने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

 

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