टीबी से उबर चुके लोग टीबी को निपटाने के काम में हैं जुटे
हल्द्वानी। क्षय रोग, तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) को जड़ से मिटाने के लिए कभी टीबी का शिकार रहे लोग जुटे हैं। इन लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेनिंग देकर टीबी चौंपियन बनाया है। अब यह लोग तीन तरीके से टीबी के मरीजों की मदद कर रहे हैं। दुनिया में टीबी घातक बीमारी के रूप में जानी जाती है। इसको खत्म की कोशिशें हो रही हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी 2024 तक टीवी खत्म करने की योजना बनाई है। ज्यादा से ज्यादा जागरूकता टीबी को खत्म करने में मदद्गार होगी। टीवी की जागरूकता के लिए हर साल 24 मार्च को दुनिया में विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। नैनीताल जिले में वर्तमान में 3886 टीबी के मरीज हैं जिनका इलाज किया जा रहा है। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग टीबी जागरूरकता को लेकर कार्यक्रम करेगा। खास कार्यक्रम यूनाइट टी एक्ट प्रोजक्ट के तहत काम कर रहे 8 (दो पुरुष, 6 महिलाएं)लोग हैं जिनको सम्मानित किया जाएगा। प्रोजक्ट की जिला कार्डिनेटर किरन नेगी ने बताया कि ये सभी लोग टीबी को झेल चुके हैं। ठीक होने के बाद इनको स्वास्थ्य विभाग ने टीबी से संबंधित ट्रेनिंग दी। अब यह लोग टीबी मरीजों से भावनात्मक रूप से जुड़ कर उनको टीबी से लड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
तीन तरीके हैं अपनातेरू टीबी मरीजों को टीबी से लड़ने के लिए यह तीन तरीके अपनाते हैं। जिसमें आमने सामने की काउंसलिंग कर जुड़ाव, दूसरा टेलीफोनिंक जुड़ाव, तीसरा कम्युनिटी मीटिंग और जागरूकता के लिए नारे स्लोगन, गीत नाटक आदि शामिल है।
निक्षय मित्र बनकर कर सकते है मददरू टीबी मरीजों को राज्य सरकार निक्षय योजना के तहत हर माह 500 रुपये देती है। ताकि मरीज टीबी की नियमित रूप से दवा खाने के साथ जरूरी आहार भी ले। यह रकम जहां काफी कम है वहीं समय से भी नहीं मिल पाती है। सरकार ने एक नई निक्षय मित्र योजना चलाई है जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने नजदीक के टीबी मरीज को गोद ले सकता है यानि उसे हर माह उसके आहार के लिए धन दे सकता है।
जिले में निक्षय मित्र योजना का लक्ष्य 1318 लोगों को निक्षय मित्र बना कर पूरा कर लिया गया है। जिले से टीबी को खत्म करने के लिए एनजीओ के साथ मिल कर लगातार जरूरी कार्रवाई कर रहा है। – ड़ भागीरथी जोशी, सीएमओ, नैनीताल