ऋषिकेश(। लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी के कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने पाबंदी अधिनियम के तहत निवेशकों के पैसे दिलवाने और कंपनी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की। शनिवार को आईडीपीएल में एलयूसीसी के निवेशकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि निवेश करने के दौरान उन्हें बताया गया था कि यह सोसायटी भारत सरकार कृषि मंत्रालय द्वारा पंजीकृत है, जो कि वर्तमान में सहकारिता मंत्रालय में पंजीकृत है। कहा कि यह सोसायटी तीन राज्यों में बैंकिंग का काम कर रही है। प्रदेश के करीब दो लाख निवेशकों ने आरडी, एफडी, एमआईपी के माध्यम से करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश किया। कुछ समय पहले सोसायटी ने बिना सूचना के सोसायटी का पोर्टल बंद कर दिया है। बीते नवंबर महीने से सोसायटी का मोबाइल ऐप और वेबसाइट भी बंद कर दी गई है। कहा कि 25 हजार महिलाएं, पुरुष और बुजुर्ग सोसायटी के सुविधा केंद्रों में संचालक और एजेंट का काम कर रहे थे। अब निवेशक अपना पैसा लौटाने को लेकर उन पर दबाब बना रहे हैं, जबकि इसमें सोसायटी के सुविधा केंद्रों के संचालक और एजेंट का कोई दोष नहीं है। सारा घोटाला सोसायटी के प्रबंधकीय मंडल और उच्चाधिकारियों ने किया है। उन्होंने देश के सहकारिता मंत्री से इस मामले को प्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री के सामने रखते हुए निवेशकों के पैसे पाबंदी अधिनियम के तहत दिलवाने की मांग की। इस दौरान धरना स्थल पर मेयर शंभू पासवान पहुंचे, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों की समस्या सुनीं और मामले में उच्च स्तरीय जनप्रतिनिधियों से वार्ता करने का आश्वासन दिया। प्रदर्शन करने वालों में सुमन चमोला, सरिता चौहान, शोभा चौहान, बीना भंडारी, मनीष भंडारी, सावित्री, जय सिंह, राजेंद्र सेमवाल, संजय बर्थवाल, जगमोहन सिंह चौहान, सरस्वती चौहान, नीलम बेदवाल, ममता रौथाण, संगीता रावत आदि उपस्थित रहे।