ऋषिकेश। रिवर राफ्टिंग के लिए प्रसिद्ध गंगा के कौड़ियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में शनिवार से राफ्टिंग शुरू हो गई है। पहले दिन 550 पर्यटकों ने गंगा की लहरों पर राफ्टिंग का लुत्फ लिया। तीन माह के बाद राफ्टिंग शुरू हुई है। बीती 24 जून को गंगा का जलस्तर बढ़ने पर राफ्टिंग पर रोक लगा दी गई थी। गंगा का जलस्तर राफ्टिंग के अनुकूल होने पर तकनीकी समिति की रिपोर्ट के बाद शनिवार को राफ्टिंग शुरू कर दी गई। शनिवार को सुबह से ही गंगा की लहरों पर रंग-बिरंगी राफ्ट तैरने लगीं। पहले दिन शिवपुरी, ब्रह्मपुरी से मुनिकीरेती तक करीब 90 राफ्ट में 550 से अधिक पर्यटकों ने राफ्टिंग का लुत्फ लिया। इनमें स्थानीय के अलावा हरियाणा, दिल्ली और एनसीआर के पर्यटक शामिल थे। टिहरी जिले के साहसिक पर्यटन अधिकारी और समिति के सचिव जसपाल चौहान ने बताया कि गंगा का जल स्तर कम होने पर स्थिति का आकलन करने के बाद 27 सितंबर से राफ्टिंग की अनुमति दी गई है। पहले दिन 550 पर्यटकों ने राफ्टिंग का आनंद लिया है। आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।
फटी जैकेट-टूटा हेलमेट दिया तो कंपनी पर लगेगा जुर्माना: राफ्टिंग के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर अब सख्ती की गई है। अगर किसी राफ्ट में पर्यटकों को फटी हुई लाइफ जैकेट, टूटा हुआ हेलमेट दिया जाता है तो राफ्टिंग कंपनी पर दो हजार रुपये का जुर्माना लेगा। एक राफ्ट में आठ पर्यटक एक बार में राफ्टिंग करते हैं। हर पर्यटक को मानक के अनुसार लाइफ जैकेट और हेलमेट देना होगा। राफ्ट के साथ कयाक भी चलेगी गंगा का जल स्तर वर्तमान में 337.30 मीटर पर है। पिछले कुछ दिनों से बारिश के चलते पानी अभी मटमैला आ रहा है। इसे देखते हुए पर्यटकों की सुरक्षा के लिए अभी राफ्टों के साथ कयाक भी उतारी जाएगी। साहसिक पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान ने बताया कि अगर किसी कारण से राफ्ट पलटती है तो कयाकर तत्काल बचाव कार्य शुरू कर सकते हैं। रैपिडो में राफ्ट पलटने का खतरा रहता है।