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पिथौरागढ़ में फिर बारिश का कहर, मांं-बेटे समेत 47 मवेसी मलबे में दबे

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मुनस्यारी में बोल्डर के गिरने से महिला की मौत
पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिले में आपदा का कहर थम नहीं रहा है। तहसील बंगापानी के धामीगांव के भ्यौल तोक में रविवार रात एक मकान ढह गया। इस हादसे में मां और बेटा मलबे में दफन हो गए। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इसमें 47 जानवर भी दबे हैं। इधर, मुनस्यारी तहसील के गूटी गांव में एक शौचालय पर बोल्डर गिरने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। निकटवर्ती खेतभराड़ गांव भी खतरे की जद में आ चुका है।
रविवार रात पहली घटना धामीगांव के भ्यौल तोक में हुई। भारी बारिश के चलते पहाड़ से जबरदस्त भूस्खलन हो गया, जिसमें पूरा मकान जमींदोज हो गया। मकान में मौजूद 60 वर्षीय विशना देवी और उसका 30 वर्षीय पुत्र जोहार सिंह मलबे मेंं दफन हो गए। मकान की गोशाला में बंधे 47 जानवर भी मलबे में दब गए। जिनमें चालीस बकरियां, दो गाय, दो भैंस और दो बैल भी शामिल हैं। गांव के प्रधान कुबेर सिंह की सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ, पुलिस व राजस्व टीमों ने सोमवार सुबह से ही बचाव कार्य शुरू कर दिया।
मलबे में से अपराह्न तीन बजे तक विशना देवी और जोहार सिंह के शव बरामद कर लिए। एसडीएम एके शुक्ला ने इसकी पुष्टि की है। एसडीएम ने बताया कि जोहार सिंह खेतीबाड़ी करता था और उसकी पत्नी कुछ दिन पूर्व अपने मायके गई हुई थी। रविवार रात ही दूसरी घटना मुनस्यारी के गूटी गांव में हुई। जहां बाथरूम के ऊपर मलबा और बोल्डर गिरने से 37 वर्षीय महिला जयंती उर्फ जानकी देवी पत्नी भूपाल सिंह की मौके पर ही मौत हो गई है। मलबे से आवासीय भवन भी क्षतिग्रस्त हुआ है। ग्राम प्रधान देवकी देवी के मुताबिक ग्रामीण राहत कार्य में जुटे हैं।
पिछले रविवार की रात को भी भारी बारिश के कारण बंगापानी तहसील के गैला और टांगा गांव में भारी तबाही मची थी। पहाड़ से मलबा आने के कारण कई घर ध्वस्त हो गए थे। गैला गांव में तीन लोगों की मौत हो गई थी तो पांच घायल हो गए थे जबकि टांगा में 11 लोग मलबे दब गए थे। जिनमें नौ का शव मलबे से बरामद कर लिया गया है। दो की तलाश अब भी जारी है। वहीं बारिश ने एक बार भी कहर ढाया है। धामी गांव में दो मकान ढहने से दो लोग मलबे दबे बताए जा रहे हैं। सूचना पर मदद के लिए राजस्व, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम घटना स्थल के लिए रवाना हो गई है।
आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। भारी बारिश, भूस्खलन और कटाव से मुनस्यारी, बंगापानी और धारचूला तहसील में 18 जुलाई से अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि दो अब भी लापता है। कई मकान जमींदोज हो चुके हैं। 38 परिवार सरकारी स्कूल और टेंटो में शरण लिए हुए हैं। वहीं रविवार रात फिर बंगापानी तहसील के धामी गांव में एक मकान भूस्खलन से जमींदोज हो गया। इसमें दो लोग और मवेशी भी मलबे में लापता हैं।

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