कण्वाश्रम के बेहतर विकास का लिया संकल्प
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : क्षेत्रीय युवाओं ने कण्वाश्रम के बेहतर विकास का संकल्प लिया है। इसके तहत 12 मई को कण्वाश्रम में युवाओं का एक विशेष सम्मेलन करने का भी निर्णय लिया गया है।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अंकुश घिल्डियाल ने कहा कि मालिनी नदी के तट पर स्थित कण्वाश्रम का वर्णन ऋग्वेद से लेकर अनेक पुराणों, महाभारत, रामायण और महाकवि कालिदास की रचनाओं में मिलता है। स्कंद पुराण के 57वें अध्याय में भी कण्वाश्रम का जिक्र है। कण्वाश्रम एक समय में आध्यात्म और ज्ञान-विज्ञान का केंद्र था, जिसमें संपूर्ण विश्व के दस सहस्त्र विद्यार्थी कुलपति कण्व से शिक्षा ग्रहण करते थे। कण्वाश्रम महर्षि विश्वामित्र, दुर्वासा की तप स्थली के साथ ही शकुंतला व राजा दुष्यंत की प्रणय स्थली भी रहा है। लेकिन, दुर्भाग्य यह है कि आज तक इस स्थान का विकास नहीं हो पाया है। बताया कि पूर्व में युवाओं ने कण्वाश्रम से महाबगढ़ तक ट्रेक भी किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों ने भाग लिया। इन युवाओं ने कण्वाश्रम को विश्व पटल पर पहुंचाने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए कण्वाश्रम में एक भव्य मेले का भी आयोजन करवाया जाएगा।