नई दिल्ली ,। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को एक नई दिशा देते हुए ?62,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों का अनावरण किया। इस महात्वाकांक्षी योजना का मुख्य उद्देश्य देश में कौशल विकास, आधुनिक शिक्षा और रोजगार के अवसरों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी घोषणा ‘पीएम-सेतुÓ (उन्नत आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन) योजना रही, जो ?60,000 करोड़ के विशाल निवेश वाली एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना के तहत देश भर के 1,000 सरकारी आईटीआई को ‘हब-एंड-स्पोकÓ मॉडल पर उन्नत किया जाएगा। इससे ये संस्थान उन्नत बुनियादी ढांचे, आधुनिक ट्रेड, डिजिटल शिक्षण प्रणाली और इनक्यूबेशन जैसी सुविधाओं से लैस होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा, हमारे आईटीआई ‘आत्मनिर्भर भारतÓ के लिए कार्यशालाएं हैं। आज का यह समारोह भारत में कौशल को दिए जाने वाले महत्व का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने बिहार पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कई योजनाओं का शुभारंभ किया। उन्होंने ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजनाÓ का शुभारंभ किया, जिसके तहत बिहार के पांच लाख स्नातकों को दो वर्षों तक ?1,000 का मासिक भत्ता मिलेगा। साथ ही, उन्होंने उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए बिहार में ‘जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालयÓ का उद्घाटन किया और बिहटा में एनआईटी पटना के नए परिसर का लोकार्पण भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले दो दशकों में बिहार सरकार ने 50 लाख युवाओं को रोज़गार से जोड़ा है और पिछले कुछ वर्षों में ही लगभग 10 लाख स्थायी सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
इस समारोह में वर्चुअली शामिल हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा, यह बहुत खुशी की बात है। बिहार में युवा आयोग और कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना से युवाओं को बहुत लाभ मिलेगा। राज्य में 25 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप एक और बड़ा कदम उठाते हुए 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का भी उद्घाटन किया। ये प्रयोगशालाएं आईटी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स और पर्यटन जैसे 12 उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगी, जिससे रोजगार के लिए एक मजबूत आधार तैयार होगा।