पीएम मोदी का दिखा खास असर, उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में लोकल मुद्दे हुए बेअसर
देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की आवाज बने महंगाई, बेरोजगारी और पहाड़ से पलायन के मुद्दे चुनाव परिणाम आने के बाद बेअसर साबित होते दिखाई दिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शख्सियत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यों पर भरोसा जताते हुए मतदाताओं ने ऐसे मुद्दों को दरकिनार कर दिया। मंगलवार को आए चुनाव परिणाम में कुमाऊं की दोनों संसदीय सीटें भाजपा की झोली में गईं। नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर जहां पार्टी प्रत्याशी अजय भट्ट ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की, वहीं अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर भी अजय टम्टा ने अपना वर्चस्व साबित किया। कुमाऊं में कांग्रेस नेताओं के प्रभाव वाले कई क्षेत्रों में भी दोनों संसदीय सीटों के भाजपा प्रत्याशी मतदाताओं में छाप छोड़ने में कामयाब रहे। कुमाऊं में ऊधमसिंह नगर जिले के तराई क्षेत्र से कांग्रेस के सर्वाधिक विधायक हैं। यहां भी प्रधानमंत्री मोदी की रुद्रपुर रैली ने पासा पलट दिया। नतीजतन, यूएस नगर जिले में केवल जसपुर विधानसभा क्षेत्र में ही कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिली। जबकि नैनीताल जिले के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस बढ़त नहीं ले पाई। कुमाऊं के इन दोनों संसदीय क्षेत्रों में मुख्यमंत्री धामी ने भी ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां और रोड शो कर मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। दूसरी तरफ, अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र पर लगातार आक्रामक रही कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में विफल रही। इससे भाजपा को फायदा मिला।
गढ़वाल में भी मोदी और धामी का जादू चला
चुनाव में हरिद्वार, टिहरी और गढ़वाल सीट में रोचक मुकाबला होने की उम्मीद लगाई जा रही थी। टिहरी से निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार और बीजेपी प्रत्याशी में, गढ़वाल से बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी और कांग्रेस के गणेश गोदियाल के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही थी। यहां भी मोदी-धामी का जादू चला।
मोदी के आदि कैलास भ्रमण ने जनता से जुड़ाव बढ़ाया
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीते साल 12 अक्तूबर को आदि कैलास और जागेश्वर धाम के दर्शन के लिए पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा देश-दुनिया में काफी चर्चा में रहा। इस दौरे के बाद पहाड़ के लोगों का मोदी से जुड़ाव और अधिक हो गया।